रावण की कौन सी इच्छाएं रह गईं थी अधूरी, अंतिम समय में लक्ष्मण जी से क्या कहा था लंकेश ने? जानें ऐसी 10 रोचक बातें

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Ravan- India TV Hindi Image Source : SOCIAL रावण

दशहरे के दिन भारत के विभिन्न हिस्सों में रावण के पुतलों को जलाया जाता है। रावण दहन से यह संदेश दिया जाता है कि, बुराई भले ही कितनी बलवान क्यों न हो अच्छाई से नहीं जीत सकती। हालांकि, लोगों की नजर में रावण की छवि एक खलनायक की है, लेकिन कई अच्छे गुण भी रावण में विद्यमान थे। भारत में कई ऐसे स्थान भी हैं जहां दशहरे के दिन रावण की पूजा की जाती है। ऐसे में विजयदशमी के मौके पर हम आपको रावण के जीवन से जुड़ी 10 रोचक बातों के बारे में बताने जा रहे हैं।   

रावण की जन्मभूमि और माता पिता

रावण का जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। रावण के पिता का नाम विश्रवा था। वहीं इनकी माता कैकसी थी जो राक्षस कुल से संबंध रखती थी। रावण की जन्मभूमि उत्तर प्रदेश के बिसरख गांव को माना जाता है। हालांकि कुछ अन्य स्थानों का जिक्र भी रावण के जन्मस्थान के रूप में किया जाता है। कुछ विद्वानों के अनुसार रावण का जन्म नेपाल के म्याग्दी जिले में हुआ था। वहीं कई लोगों का मानना है कि, रावण का जन्म छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के मनेंद्रगढ़ में हुआ था। 

रावण का नाम कैसे पड़ा?

रावण के नाम पड़ने के पीछे भी रोचक कहानी है। मान्यताओं के अनुसार जब रावण का जन्म हुआ था तो वो बहुत जोर से रोया था, इसलिए उसका नाम रावण पड़ा। रावण का अर्थ होता है बहुत जोर से रोना या दहाड़ना। 

रावण का राज्य कितना बड़ा था?

रावण के राज्य का क्षेत्र केवल लंका तक सीमित नहीं था। शास्त्रों के अनुसार, रावण ने बालीद्वीप, सुंबा, अंगद्वीप, मलयद्वीप, शंखद्वीप, वराहद्वीप, कुशद्वीप, आंध्रालय, यवद्वीप तक अपना राज्य फैलाया था। वर्तमान समय में इन जगहों का नाम इंडोनेशिया, मलेशिया, बर्मा, दक्षिण भारत, श्रीलंका है। 

रावण को पुष्पक विमान कैसे मिला?

पुष्पक विमान रावण ने किसी तप के बल पर नहीं पाया था, बल्कि अपने भाई कुबेर से छीना था। कुबेर को यह विमान ब्रह्मा जी ने भेंट स्वरूप दिया था। जब रावण को इस विमान के बारे में पता चला तो उसने जबरन यह विमान अपने भाई कुबेर से छीन लिया। 

रावण की रचनाएं

लंकेश का नाम भले ही खलनायक के रूप में लिया जाता हो, लेकिन कई ऐसी रचनाएं हैं जिनको पढ़कर रावण की कुशाग्र बुद्धि के बारे में पता चलता है। कहा जाता है कि, रावण ने अपने जीवनकाल में अरुण संहिता, रावण संहिता, वयम् रक्षाम:, कुमारतंत्र, प्राकृत, शिव तांडव स्तोत्र, प्राकृत कामधेन, अंक प्रकाश, ऋग्वेद भाष्य, रावणीयम, नाड़ी परीक्षा जैसी अद्भुत रचनाएं की थीं। 

रावण ने क्यों किया था सीता का अपहरण?

कहा जाता है कि, जब शूर्पणखा के विवाह का प्रस्ताव श्रीराम ने ठुकरा दिया और लक्ष्मण ने उसकी नाक काट दी तो शूर्पणखा इसके बाद अपने भाई रावण के पास पहुंची। शूर्पणखा ने अपने नाक काटने की बात रावण को बताई और यह कहकर रावण को भड़काया कि, सीता अत्यंत सुंदर स्त्री है और वो राम ने तुम्हारी पत्नी होनी चाहिए। यह सुनकर रावण सीता के पास पहुंचा और छल से सीता माता का अपहरण कर लिया। 

रावण का पुतला जलाने की परंपरा कब से शुरू हुई?

ऐसा माना जाता है कि आजादी बात रावण का पुतला जलाने की परंपरा शुरू हुई थी। सबसे पहले पाकिस्तान से भारत आए शरणार्थियों ने रावण का पुतला बनाकर जलाया था। धीरे-धीरे रावण को जलाने की परंपरा पूरे भारतवर्ष में फैल गई। 

रावण ने मरने से पहले लक्ष्मण को क्या ज्ञान दिया?

भगवान राम के कहने पर जब लक्ष्मण जी अंतिम सांस ले रहे रावण के पास पहुंचे तो कुछ ज्ञान की बातें रावण ने लक्ष्मण जी को बताई। रावण ने का कि, शुभ काम जल्दी करने चाहिए और अशुभ कार्यों से बचना चाहिए। शत्रु और रोग को कभी छोटा नहीं समझना चाहिए। अपनी शक्ति और पराक्रम पर कभी घमंड नहीं करना चाहिए। खुद के बल का दुरुपयोग करने से बचना चाहिए और पराई स्त्री पर बुरी नजर नहीं रखनी चाहिए। 

रावण का शव रखा गया है इस जगह

रामायण में वर्णित श्लोकों के अनुसार, मृत्यु के बाद रावण के शव को श्रीलंका की रानागिल गुफा में रख दिया गया था। 

रावण की अधूरी इच्छाएं

रावण की कुछ इच्छाएं थीं जिन्हें वो अपने जीवन काल में पूरा करना चाहता था लेकिन कर नहीं पाया। उसकी पहली इच्छा ये थी की सोने से सुगंध आए। दूसरी इच्छा ये थी कि समुद्र का जल मीठा हो जाए और रावण चाहता था कि रक्त का रंग सफेद हो जाए। हालांकि उसकी ये कामनाएं पूरी नहीं हो पाईं। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। । इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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