यहां आने से कैंसर रोगी होते हैं ठीक, ऐसा किया जाता है दावा
धौलपुर:- जिले की बाड़ी तहसील में स्थित एक स्थान बिशन गिरी धाम है, जहां दूर-दूर से बेहद जटिल मरीज केवल भभूत लगाने से ठीक हो जाते हैं, जो त्वचा रोगों के साथ-साथ कैंसर के भी भगवान कहे जाते हैं. जब कैंसर का रोगी कहीं पर ठीक नहीं होता और चिकित्सक भी बेबस हो या मरीज की सेवा करने की बात कहकर छुट्टी कर देते हो, ऐसे रोगी को बाबा की भभूति से एकदम स्वस्थ होते हुए आये दिन देखा जा सकता है. चमत्कार यह है कि दर्द से पीड़ित व्यक्ति का भभूति लगाने से दर्द गायब हो जाता है. इसके आलावा त्वचा रोगों के लिए भी बाबा का नाम लिया जाता है. सालों से बाबा की प्रसिद्धी दूर-दराज तक फैली है. भाद्रमास की कृष्णपक्ष की नवमी को बाबा का मेला लगता है, जिसे वार्षिक जात भी कहा जाता है.
विज्ञान के इस युग में जब देश के विशेषज्ञ चिकित्सक हाथ खड़े कर देते हैं और व्यक्ति भी अपने जीवन की आशा की डोर को छोड़ देता है, ऐसे में जब वह समर्पण भाव से इस देवीय शक्ति बाबा से अपने जीवन की डोर की आस लगाता है, तो यह देवीय शक्ति चमत्कारिक रूप से सभी कष्टों का निवारण कर उसे जीवनदान देती है. ऐसे ही चमत्कार रोजाना इस सिद्ध स्थल पर देखने को मिलते हैं.
बैहरा बाबा नाम के पीछे गजब कहानी
किवंदती के अनुसार लगभग 200 साल पहले विशिनिगिरी बाबा का जन्म नजदीकी गांव खिदरपुर में हुआ था. बाबा के बारे में कहा जाता था कि बाबा की सुनने की शक्ति कमजोर थी. वे ऊंचा सुनते थे, इसलिए लोग उन्हें बैहरा बाबा के नाम से भी बुलाते थे. आज भी लोग उनके मंदिर पर जाकर उनके नाम की भभूत जोर से बाबा का नाम पुकारते हुए लगाते हैं, जिससे बाबा तक उनकी पुकार पहुंच जाए. बाबा की तपस्या काल में उनके एक भयंकर फोड़ा हो गया था, जिसने बाबा के प्राण हर लिये थे.
ये भी पढ़ें:- OMG: प्रसव ऑपरेशन का अजब-गजब केस, बच्चेदानी से गायब था बच्चा..फिर यहां मिला, डॉक्टरों के भी उड़े होश
मरने के बाद बाबा क्यों आए वापस?
लोग कहते हैं कि उनके स्वर्ग गमन के पश्चात नादौली गांव के पास पशु चराते समय ग्वालों के बीच बाबा प्रकट हुए और बोले की बहुत भूख लग रही है और ग्वालों से खाने के लिए कुछ मांगा और कहा कि मेरे पेट में फोड़ा हो गया है और ये मुझसे सहा नहीं जा रहा है. यह सुनकर ग्वाले गांव की ओर भागे और रोटी बनाकर बाबा को दी. ग्वालों ने पूछा कि बाबा तुम तो कई दिन पहले मर गये, तो फिर जिन्दा कैसे हो गये. बाबा ने कहा कि बेटा मैंने अपने पेट के फोड़े के कारण शरीर त्यागा था. अब मैं सभी बीमारियों को मिटाने के लिए दोबारा आ गया हूं. इस चमत्कारी सिद्ध धाम पर राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों से लोग अपने मरीजों को लेकर आते हैं और लाभ प्राप्त करते हैं.
Tags: Dharma Aastha, Local18, Rajasthan news
FIRST PUBLISHED :
September 28, 2024, 16:38 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.