वक्फ बोर्ड विधेयक, सनातन बोर्ड और बांग्लादेश पर छिड़ी बहस, बृजभूषण शरण सिंह बोले- स्थिति परेशान करने वाली

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Waqf Board Bill Sanatan Board and Bangladesh Brij Bhushan Sharan Singh said situation is worrying- India TV Hindi Image Source : ANI बृजभूषण शरण सिंह

देश की संसद भवन में इन दिनों कुछ बातों को लेकर खूब गरमा-गरमी देखने को मिल रही है। एक तरफ जहां बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार को लेकर सदन में लगातार आवाज उठाई जा रही है। वहीं दूसरी तरफ संभल हिंसा, वक्फ बोर्ड और सनातन बोर्ड के गठन को लेकर भी कुछ बहस हो रही है। इसी कड़ी में इन मुद्दों को लेकर अलग-अलग नेताओं द्वारा कई बयान दिए गए हैं। भाजपा नेता व पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने सनातन बोर्ड के गठन को लेकर कहा, "सनातन बोर्ड का गठन होना चाहिए। इसके पीछे कोई दुर्भावना नहीं है। कोई और हमें यह नहीं बता पाएगा कि हमारी पूजा पद्धति और परंपरा क्या होनी चाहिए।" वहीं बांग्लादेश के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में स्थिति परेशान करने वाली है। प्रधानमंत्री मोदी स्थिति को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं।

गिरिराज सिंह ने साधा निशाना

वहीं संभल की घटना पर संसद में समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव के बयान पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, अखिलेश यादव सदन को गुमराह कर रहे थे। उन्होंने कोर्ट पर भी सवाल उठाए। अखिलेश यादव कभी कानून का पालन नहीं करते हैं। हिंदू विरोधी होना उनके डीएनए में है। उनकी सरकार ने रामभक्तों पर गोलियां चलवाईं। मुस्लिम वोटों के लिए वे कुछ भी कर सकते हैं। वहीं सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क के बयान पर जिसमें उन्होंने कहा था कि संभल का मामला अडानी मामले से बड़ा है, पर गिरिराज सिंह ने कहा, "वे लोगों को गुमराह कर रहे हैं और दोषियों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। वे उन लोगों को साथ ले रहे हैं जो साजिश का हिस्सा थे।"

वक्फ संशोधन को लेकर क्या बोले शुभेंदु अधिकारी

पश्चिम बंगाल विधानसभा में वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध करने के लिए प्रस्ताव पेश किए जाने पर राज्य के नेता प्रतिपक्ष और भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी ने कहा, "कल सीएम ने गलत जानकारी दी। सदन में सीएम ने यह भी कहा कि भाजपा के पास दो तिहाई बहुमत नहीं है, इसलिए विधेयक पारित नहीं हो सकता। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि यह एक सामान्य विधेयक है, कोई संविधान संशोधन नहीं। इसके लिए साधारण बहुमत की जरूरत है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने ट्रिपल तलाक के खिलाफ आंदोलन की घोषणा की और वह विधेयक विधानसभा में पारित भी हुआ, जब जेपीसी अपनी रिपोर्ट पेश करेगी, तो इसे पूर्ण बहुमत से पारित किया जाएगा। राज्य की कानून-व्यवस्था पर कोई चर्चा नहीं की जाती। विधानसभा में केवल तुष्टीकरण और अपने वोट बैंक की सुरक्षा पर चर्चा होती है।

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