वैशाली: प्रदूषित हवा ने तोड़ा रिकार्ड, यहां सांस लेना 40 सिगरेट पीने के बराबर

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AQI reaches 420 successful Hajipur

राजकुमार सिंह/वैशाली: वैशाली जिले के हाजीपुर में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया. हाजीपुर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 420 दर्ज किया गया, जो गंभीर श्रेणी में आता है. इस जहरीली हवा में सांस लेना स्वास्थ्य के लिए उतना ही खतरनाक है जितना एक दिन में 40 सिगरेट पीना. इस स्थिति ने लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में परेशानी जैसे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझने पर मजबूर कर दिया है.

प्रदूषण के मुख्य कारण
हाजीपुर में बढ़ते प्रदूषण के पीछे कई कारण जिम्मेदार हैं:
1. खुले में कचरा जलाना: यह सबसे बड़ा कारण है, जो वायु में जहरीले तत्वों का इजाफा करता है.
2. पुरानी और जर्जर गाड़ियां: सड़कों पर दौड़ रही वर्षों पुरानी गाड़ियों से निकलने वाला धुआं हवा को और दूषित कर रहा है.
3. निर्माण कार्य: सड़क और भवन निर्माण के दौरान मानकों की अनदेखी के कारण धूलकण हवा में फैल रहे हैं.
4. कचरा प्रबंधन की कमी: नगर में कचरा प्रबंधन की कोई विशेष व्यवस्था नहीं होने के कारण खुले में कचरे का निपटान किया जा रहा है.

स्वास्थ्य पर असर
हाजीपुर की जहरीली हवा में सांस लेना फेफड़ों के लिए घातक साबित हो सकता है. विशेषज्ञों के अनुसार, लंबे समय तक ऐसी हवा में रहने से अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और अन्य श्वसन संबंधी रोगों का खतरा बढ़ जाता है.

सदर एसडीओ ने दिए निर्देश
सदर एसडीओ रामबाबू बैठा ने बताया कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं:
– ग्रीन पर्दा: राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को निर्माण स्थलों को ग्रीन पर्दे से ढकने के निर्देश दिए गए हैं.
– पानी का छिड़काव: नगर परिषद को शहर में नियमित रूप से पानी का छिड़काव करने का आदेश दिया गया है.
– पौधारोपण: शहर में अधिक से अधिक पौधे लगाने की योजना पर काम किया जा रहा है.
– प्रदूषण रोकने की कार्ययोजना: जहरीली हवा को रोकने के लिए संबंधित विभागों के साथ लगातार बैठकें की जा रही हैं.

प्रदूषण कम करने के सुझाव
प्रदूषण की स्थिति से निपटने के लिए नागरिकों को भी जागरूक और सतर्क रहना होगा.
1. सड़कों पर वाहनों की संख्या कम करें.
2. डीजल गाड़ियों की जगह पेट्रोल, हाइब्रिड, या इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल करें.
3. कचरा जलाने से परहेज करें.
4. गाड़ियों की नियमित सर्विसिंग और जांच सुनिश्चित करें.

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकारी प्रयासों के साथ आम लोगों की भागीदारी भी जरूरी है. सड़कों पर कम वाहन, कचरा प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता ही प्रदूषण के स्तर को कम कर सकती है.

Tags: Bihar News, Local18, Vaishali news

FIRST PUBLISHED :

November 21, 2024, 13:56 IST

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