शादी रस्म
शादी विवाह का सीजन शुरू हो गया है.हिंदू धर्म में विवाह को यज्ञ के समान दर्जा दिया गया है.जहां पूरे विधि विधान और रस्मों से एक पुरुष और एक स्त्री के दाम्पत्य जीवन के लिए गठबंधन होता है.इस दौरान कई तरह के रस्म निभाई जाती है. जिसमें एक माटी कोडने का रस्म शामिल है.ये रस्म लगभग हर घर में होता है. इस दौरान कहीं बैगा द्वारा तो कहीं स्वयं पूजा की जाती है. जिसके बाद एक विशेष स्थान से माटी कोड़कर घर लाया जाता है. इस रिपोर्ट में हम आपको इस रस्म के बारे में बताएंगे.
हिंदू धर्म में सभी व्यक्ति के जीवन में 16 संस्कार होते है. जिसमें से एक विवाह संस्कार होता है. इस दौरान एक स्त्री और एक पुरुष एक साथ नए जीवन की शुरुआत करते है. इस दौरान सभी देवी देवताओं का विधि विधान से पूजा किया जाता है.जिसकी शुरुआत माटी कोडने से होती है. जो गांव से लेकर शहर तक निभाई जाती है. इस दौरान घर से पूरा परिवार रिश्तेदार ढोल नगाड़ों के साथ निकलते है. महिलाएं गीत गाती है.
माता लक्ष्मी को लाया जाता है घर
पलामू जिले के मेदिनीनगर स्थित काली मंदिर के पुजारी श्यामा बाबा ने बताया कि माटी कोडने का रस्म पूर्वजों द्वारा बनाया गया. खास रस्मों में से एक है.इस दौरान देव स्थान से मिट्टी उठाई जाती है.जो की बेहद खास होता है. शास्त्रों में बताया गया है.” समुद्र-वसने देवि, पर्वत-स्तन-मंडिते, विष्णु-पत्नि नमस्तुभ्यं, पाद-स्पर्शं क्षमस्व में ” जिसका शाब्दिक अर्थ है की भू देवी भगवान विष्णु की पत्नी है. इसीलिए सबसे पहले धरती मां को आह्वान कर अपने घर कुल देवता के पास लाया जाता है. विवाह कार्य और भविष्य में सुख समृद्धि और शांति बनी रहे. इसका अर्थ ये भी होता है की माता लक्ष्मी को अपने घर लाया जाता है.
दो माताएं करती है गठबंधन
हर रस्म के पीछे शास्त्रीय प्रमाण और लोकाचार्य दोनों है. कहीं सास बहू तो कहीं दो गोतनी आपस में गठबंधन करके माटी कोडने निकलती है. दोनों गोतनी आपस में गठबंधन करके निकलती है. जो किसी खास देव स्थान पर पहुंचती है. जहां बैगा द्वारा पूजा कराया जाता है. जिसके बाद माटी कोड़कर घर लाया जाता है. दोनों माताएं माटी घर लाकर कुल देवता के पास रखती है. जिसके बाद ये रस्म पूरा हो जाता है.
देव स्थान से मिट्टी लाना शुभ
इस परंपरा को किसी देव स्थान से लाना बेहद शुभ माना जाता है. मगर आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्वजों द्वारा बनाई परंपरा का निर्वहन करते हुए किसी खास जगह से मिट्टी कोड़ने का रस्म निभाया जाता है. जो की पहले से निर्धारित होता है. मगर यह कार्य देव स्थान से करना बेहद शुभ माना जाता है.
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FIRST PUBLISHED :
November 16, 2024, 14:57 IST