महाराष्ट्र के पालघर जिले के शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता अशोक धोडी के लापता होने के 12 दिन बाद उनका पता चला है। गुजरात के भिलाड के पास स्थित सरिगाम में एक बंद पत्थर खदान में उनकी कार समेत शव मिलने से इलाके में हड़कंप मच गया है। डहाणू तालुका विधानसभा संघटक अशोक धोडी का अपहरण कर हत्या किए जाने का मामला शुक्रवार, 31 जनवरी को सामने आया।
हत्या में करीबी परिजन का हाथ!
वह 12 दिनों से लापता थे और अंततः उनका शव गुजरात के सरिगाम में उनके वाहन के पिछले हिस्से में रस्सी से बंधी हुई अवस्था में मिला। उनके भाई अविनाश धोडी के पुलिस हिरासत से फरार होने के कारण पारिवारिक विवाद (पुरानी दुश्मनी) के चलते हत्या की आशंका जताई जा रही है। जांच के दौरान यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आ रहा है कि इस अपराध के पीछे मृतक के सगे भाई या किसी करीबी परिजन का ही हाथ हो सकता है। पुलिस ने तीन संदिग्धों को हिरासत में लेकर जांच शुरू की, लेकिन अविनाश धोडी और एक अन्य आरोपी हिरासत से फरार हो गए। इस वजह से आशंका बढ़ गई कि अशोक धोडी की हत्या साजिश के तहत की गई है।
कार में पीछे की सीट पर रस्सी से बंधे हुए थे अशोक धोडी
अंततः गिरफ्तार संदिग्धों की सूचना के आधार पर 12 दिन बाद पुलिस को अशोक धोडी का शव मिला। उनका शव गुजरात के सरिगाम में उनके वाहन में मिला, जिसमें वे पीछे की ओर रस्सी से बंधे हुए थे। इस घटना के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। स्थानीय लोगों और क्रेन की मदद से खदान से मृतक अशोक धोड़ी की ब्रेजा कार को निकाला गया। अशोक धोडी के परिवार ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
कैसे हुआ अपहरण?
तलासरी तालुका के शिवसेना पदाधिकारी अशोक धोडी 20 जनवरी को काम के सिलसिले में मुंबई गए थे। वहां से लौटते समय उन्होंने अपने घर फोन कर बताया कि वे रात के खाने के लिए घर आ रहे हैं। लेकिन जब वे घोलवड से वेवजी स्थित अपने घर लौट रहे थे, उसी दौरान उनका वाहन समेत अपहरण कर लिया गया।
परिवार ने लापता होने की दर्ज कराई थी शिकायत
परिवार ने घोलवड पुलिस स्टेशन पहुंचकर उनके लापता होने की शिकायत दर्ज कराई। कई दिन बीत जाने के बावजूद अशोक धोडी का कोई सुराग नहीं मिला, जिससे परिवार वालों ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की। इसके बाद पुलिस ने अविनाश धोडी (वेवजी, तलासरी), मनोज राजपूत (सरिगाम, गुजरात) और सुनील धोडी (जामशेत, डहाणू) के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज किया था।
(रिपोर्ट- हनिफ पटेल)
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