नई दिल्ली:
फिलिस्तीन ने मंगलवार को भारत के प्रति गहरी कृतज्ञता व्यक्त की. दरअसल नई दिल्ली ने यूएन एजेंसी को 2.5 मिलियन डॉलर की वित्तीय मदद की दूसरी किश्त जारी कर दी है. भारत ने यह किश्त नियर ईस्ट में फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए यूएन रिलीफ और वर्क एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) को दी. नई दिल्ली ने इसके साथ ही वर्ष 2024-2025 के लिए 5 मिलियन डॉलर के अपने प्रतिबद्ध वार्षिक योगदान को पूरा किया.
एक बयान में, फिलिस्तीनी दूतावास ने कहा, "हम यूएनआरडब्ल्यूए को 2.5 मिलियन डॉलर की दूसरी किश्त जारी करने के लिए भारत सरकार के प्रति अपनी कृतज्ञता और प्रशंसा व्यक्त करते हैं, जिससे वर्ष के लिए 5 मिलियन डॉलर का उसका वार्षिक योगदान पूरा हो गया है."
दूतावास ने मानवीय सहायता के लिए भारत की प्रतिबद्धता की तारीफ करते हुए कहा, "हम यूएनआरडब्ल्यूए को मानवीय सहायता और दवाएं उपलब्ध कराने की भारत की प्रतिबद्धता को भी स्वीकार करते हैं, जिससे एजेंसी को फिलिस्तीनी शरणार्थियों के कल्याण के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने में मदद मिलेगी."
फिलिस्तीन दूतावास के प्रभारी अबेद एलराजेग अबू जाजर ने वित्तीय सहायता के महत्व पर जोर देते हुए इसे 1949 में स्थापित यूएनआरडब्ल्यूए के लिए "भारत के अटूट समर्थन का प्रमाण" बताया.
बयान में उनके हवाले से कहा गया, "यह वित्तीय योगदान यूएनआरडब्ल्यूए को कमजोर करने और फिलिस्तीनी क्षेत्रों में इसकी गतिविधियों को रोकने के इजरायल की कोशिशों का मुकाबला करने में एक महत्वपूर्ण कदम है."
भारत और फिलिस्तीन के बीच मजबूत ऐतिहासिक संबंधों पर प्रकाश डालते हुए, जाजर ने कहा, "फिलिस्तीनी लोग भारत के समर्थन को बहुत महत्व देते हैं. वे उम्मीद करते हैं कि स्वतंत्रता, आजादी और अपने राज्य की स्थापना की उनकी आकांक्षाओं के साकार होने तक राजनीतिक और भौतिक दोनों स्तरों पर यह समर्थन जारी रहेगा."
फिलिस्तीन में भारत के प्रतिनिधि कार्यालय ने सोमवार को 2.5 मिलियन डॉलर की किस्त जारी करने की घोषणा की. पिछले कुछ वर्षों में, भारत ने फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, राहत और सामाजिक सेवाओं सहित यूएनआरडब्ल्यूए के मुख्य कार्यक्रमों और सेवाओं के लिए 40 मिलियन डॉलर की वित्तीय सहायता प्रदान की है.
नई दिल्ली ने लंबे समय से सुरक्षित और मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर एक संप्रभु, स्वतंत्र और व्यवहार्य फिलिस्तीन राज्य की स्थापना की दिशा में एक दो-राज्य समाधान का समर्थन किया है.