शून्य लागत में खेती, फसल से हो रही बंपर कमाई, इस किसान ने बताया सीक्रेट

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 कुशीनगर के किसान हरिशंकर राय प्राकृतिक खेती से कर रहे भरपूर कमाई Kushinagar News: कुशीनगर के किसान हरिशंकर राय प्राकृतिक खेती से कर रहे भरपूर कमाई

हाइलाइट्स

यूपी के कुशीनगर में एक किसान प्रकृतिक खेती की अलख जगा रहा है किसान हरिशंकर राय जीरो कॉस्ट पर खेती कर भरपूर कमाई कर रहे हैं उनका का कहना है कि प्राकृतिक खेती से खेत की उर्वरा सकती भी बढ़ रही है

कुशीनगर. हमारा देश कृषि प्रधान देश है, इसलिए आज भी लगभग 60 प्रतिशत लोग खेती पर निर्भर हैं. कृषि पर निर्भरता के कारण हमारे देश में विभिन्न प्रकार से खेती की जाती है. किसान पैदावार बढ़ाने के लिए बड़ी मात्रा में रासायनिक खाद का उपयोग करते हैं. उससे न केवल शरीर को नुकसान पहुंचाता है बल्कि भूमि की उर्वरा शक्ति भी कम हो रही है. जमीन और उर्वरा शक्ति बढ़ाने और बेहद कम लागत में भरपूर पैदावार के लिए कुशीनगर के एक किसान ने प्राकृतिक खेती करना शुरू किया है. पिपरा बाजार गांव के रहने वाले किसान हरिशंकर राय ने रासायनिक खाद का प्रयोग किए बिना बेहद कम लागत में खेती करना शुरू किया, जो अन्य किसानों के लिए एक मिशाल है.

देश में किसानों की आय दोगुना करने और खेतों में पैदावार बढ़ाने के लिए तमाम उपाय किए जा रहे हैं. लेकिन खेती में लागत अधिक लगने से ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है. खेती में लागत अधिक लगने से जहां लोगों का कृषि से मोहभंग हो रहा है तो वहीं रासायनिक खाद के उपयोग से जमीन की उर्वरा शक्ति कम होती जा रही है. कुशीनगर में पिपरा गांव के रहने वाले हरिशंकर राय ने प्राकृतिक खेती करना शुरू किया है, जिससे कृषि योग्य भूमि की उर्वरा शक्ति तो बचेगी ही साथ ही इससे उपजे अन्न से हमारे शरीर को भी किसी तरह का नुकसान नहीं होगा.

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आवारा पशुओं की समस्या का भी हल
प्राकृतिक खेती में लागत भी बहुत कम लगती है. इतना ही नहीं जिन आवारा पशुओं को लेकर सरकार या आम लोग परेशान हैं वहीं आवारा पशु काम आ सकते हैं. प्राकृतिक खेती के जनक सुभाष पालेकर को आदर्श मानकर प्राकृतिक खेती करने वाले किसान हरिशंकर राय बताते हैं कि खेती का यह तरीका बहुत सरल और बेहद कम लागत वाला है. यह गौ आधारित शून्य बजट की खेती है. एक एकड़ में खेती के लिए 10 किलो गोबर, 10 लीटर गोमूत्र और एक किलो बेसन, एक किलो मिट्टी और एक किलो गुड़ को एक ड्रम में मिलाया जाता है. इसके बाद उसे मशीन से छिड़का जाता है और फिर बोआई की जाती है.

किसान श्री सम्मान से भी नवाजे गए हैं हरिशंकर राय
पिछले कई वर्षों से प्राकृतिक खेती कर रहे हरिशंकर राय का कहना है इस तरह से खेती करके न केवल लागत शून्य के बराबर है, बल्कि जमीन की उर्वरा शक्ति भी कम नहीं होगी. प्राकृतिक खेती करने के लिए हरिशंकर राय को उत्तर प्रदेश सरकार ने किसान श्री सम्मान से भी नवाजा है.

Tags: Kushinagar news, UP latest news

FIRST PUBLISHED :

November 27, 2024, 10:01 IST

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