अमिताभ बच्चन ने 70 के दशक में कई बेहतरीन फिल्में दीं। 1975 वो साल था, जो अमिताभ बच्चन के लिए सबसे लकी साबित हुआ। इस साल उन्होंने बैक टू बैक हिट फिल्में दीं। एक दौर में जिन अमिताभ बच्चन को अपनी फिल्म में साइन करने से फिल्म निर्माता-निर्देशक कतराते थे, उन्हीं को लेकर ये डायरेक्टर-प्रोड्यूसर ये मानने लगे थे कि अमिताभ बच्चन जिस भी फिल्म में होंगे उसका हिट होना तय है। 1973 में रिलीज हुई 'जंजीर' वो फिल्म थी, जिसने अमिताभ बच्चन की किस्मत पलटकर रख दी। वहीं 1975 में आई 'शोले' ने तो जैसे इतिहास रच दिया, लेकिन 'शोले' से पहले एक फिल्म आई थी, जिसमें अमिताभ बच्चन को कास्ट करने से फिल्म के मेकर्स कतरा रहे थे।
जंजीर ने बदली बिग बी के करियर की दिशा
अमिताभ बच्चन बिग बी ने अपने करियर की शुरूआत 'सात हिंदुस्तानी' से की थी और ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिर गई। इसके बाद भी आईं अमिताभ बच्चन की कई फिल्में फ्लॉप रहीं। साल 1973 में आई'जंजीर' उनके करियर की पहली सफल फिल्म साबित हुई। वहीं साल 1975 में आई 'शोले' के रिकॉर्ड को तो आज तक कोई फिल्म नहीं तोड़ पाई है। लेकिन, शोले से पहले आई सुपरहिट फिल्म 'दीवार' में मेकर्स बिग बी को कास्ट नहीं करना चाहते थे।
दीवार के लिए पहली पसंद नहीं थे अमिताभ बच्चन
इस फिल्म में अमिताभ बच्चन के साथ शशि कपूर, नीतू सिंह और परवीन बाबी लीड रोल में थे। दीवार की कहानी ही नहीं, इसके डायलॉग्स से लेकर गानों तक ने लोगों को अपनी मुरीद बना लिया था। ये फिल्म कोई और नहीं बल्कि 'दीवार' है। जावेद-सलीम ने इस फिल्म में मिडिल क्लास के दर्द और संघर्ष को उकेरने की कोशिश की थी।
जब मुश्किल में था अमिताभ बच्चन का करियर
दिवंगत फिल्म निर्माता श्याम बेनेगल ने सलीम-जावेद की पेशेवर साझेदारी पर आधारित डॉक्यूमेंट्री 'एंग्री यंग मेन' में जिक्र किया कि अमिताभ बच्चन दीवार के लिए मेकर्स की पहली पसंद नहीं थे। उन्होंने लिखा है - 'दीवार' के समय, अमिताभ बच्चन का करियर मुश्किल में था। वह तब तक कई फ्लॉप फिल्में दे चुके थे। फिर भी, सलीम-जावेद ने उनकी क्षमता देखी और 1973 की हिट 'जंजीर' में विजय के रोल में कास्ट किया। जंजीर के बाद उन्होंने 'दीवार' में फिर से अमिताभ बच्चन को कास्ट किया और इस बार भी उनके किरदार का नाम विजय था। सलीम-जावेद की फिल्मों ने अमिताभ को बॉलीवुड का सबसे बड़ा सुपरस्टार बना दिया।
अमिताभ बच्चन ने कैसे ली राजेश खन्ना की जगह?
लेहरें पॉडकास्ट के एक पुराने इंटरव्यू में, सलीम खान ने बताया था कि इस फिल्म के लिए राजेश खन्ना पहली पसंद थे। फिल्म में अमिताभ बच्चन की एंट्री कैसे हुई, इस किस्से को याद करते हुए उन्होंने कहा था- 'आदर्श और कॉम्प्रोमाइजिंग कास्टिंग जैसी चीजें होती हैं। हमें महसूस हुआ कि 'दीवार' के लिए अमिताभ से बेहतर और कोई नहीं हो सकता। 'दीवार' के निर्माता गुलशन राय ने राजेश खन्ना को साइन कर लिया था, लेकिन हमने महसूस किया कि कहानी में अमिताभ बच्चन फिट बैठेंगे। फिर हमने जोर दिया कि और कहा कि आप यह फिल्म बनाना चाहते हैं तो सिर्फ अमिताभ ही इसमें काम करेंगे। ये फिल्म शायद किसी और स्टार के साथ भी अच्छी चलती, लेकिन ये आइडियल कास्टिंग नहीं होती। यह मात्र एक समझौता होता।'
1975 की चौथी सबे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म
बता दें, सलीम खान और जावेद अख्तर ने 'दीवार' की कहानी सिर्फ 18 दिनों में लिख डाली थी। इस फिल्म ने बॉलीवुड में अमिताभ बच्चन की 'एंग्री यंग मैन' वाली छवि को मजबूत किया और साथ ही 70 के दशक के नए सुपरस्टार के रूप में भी स्थापित किया। यह फिल्म 1975 की चौथी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी थी।