Last Updated:January 29, 2025, 08:20 IST
Italian Prime Minister Giorgia Meloni: इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी पर लीबिया के पुलिस अधिकारी की रिहाई के मामले में न्यायिक जांच शुरू हुई है. मेलोनी ने कहा कि वह ब्लैकमेल नहीं होंगी और इस्तीफा देने क...और पढ़ें
हाइलाइट्स
- इटली की PM मेलोनी पर न्यायिक जांच शुरू हुई.
- मेलोनी पर लीबिया के पुलिस अधिकारी की रिहाई का आरोप.
- मेलोनी ने इस्तीफा देने से इंकार किया.
Italian Prime Minister Giorgia Meloni: इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी संकट में आ गई हैं. जॉर्जिया मेलोनी के खिलाफ एक न्यायिक जांच शुरू हो गई है. मेलोनी पर आरोप है कि उन्होंने लीबिया के एक पुलिस अधिकारी को रिहा कर दिया है, जिनपर आईसीसी के अरेस्ट वॉरंट के बाद गिरफ्तार किया गया था. हालंकि यह समय बताएगा कि इस आरोप के कारण वह इस्तीफा देंगी या नहीं.
लेकिन मेलोनी को इस्तीफा देने की कोई बाध्यता नहीं है और इटली में जांच का सामना करना दोष का प्रमाण नहीं है और यह भी नहीं कि कोई औपचारिक चार्ज इसके पीछे लगेगा. मेलोनी ने मंगलवार को कहा कि उन्हें न्यायिक जांच के तहत रखा गया है.
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क्यों हो रही मेलोनी के खिलाफ जांच?
ओसामा एलमसरी नजीम को पिछले हफ्ते रिहा किया गया और इटली के सरकारी विमान से घर भेजा गया. यह घटना ट्यूरिन शहर में उनकी गिरफ्तारी के कुछ दिनों बाद हुई थी. ICC ने इस फैसले पर स्पष्टीकरण मांगा है, यह कहते हुए कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई थी.
मेलोनी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि उन्हें अपराध में सहायता और सार्वजनिक धन के दुरुपयोग के आरोप में जांच के तहत रखा गया है.
उन्हें इस्तीफा देने की कोई बाध्यता नहीं है, और इटली में जांच के तहत रखा जाना दोष सिद्ध नहीं करता, न ही इसका मतलब है कि औपचारिक आरोप अनिवार्य रूप से लगाए जाएंगे.
मेलोनी ने अपने फेसबुक प्रोफाइल पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा, “मैं ब्लैकमेल नहीं होऊंगी, मैं डरने वाली नहीं हूं, शायद यही कारण है कि मुझे उन लोगों द्वारा नापसंद किया जाता है जो नहीं चाहते कि इटली बदले और बेहतर बने.” उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि यह जांच लुइगी ली गोटी द्वारा शुरू की गई है, जो एक वकील हैं और जिन्होंने पिछले हफ्ते नजीम की रिहाई और उन्हें त्रिपोली वापस भेजने के लिए सरकारी विमान के उपयोग के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.
ICC ने क्या कहा?
ICC कहा कि उस पर हत्या, यातना, बलात्कार और यौन हिंसा का आरोप है. ICC ने आगे कहा कि वारंट 18 जनवरी को इटली सहित सदस्य देशों को भेजा गया था, और अदालत ने वास्तविक समय की जानकारी भी दी थी कि वह यूरोप में प्रवेश कर चुका है. अदालत ने कहा कि उसने उस समय इटली को याद दिलाया था कि अगर उसे वारंट के साथ सहयोग करने में कोई समस्या आती है तो वह बिना देरी किए उससे संपर्क करे.
First Published :
January 29, 2025, 08:20 IST