सरसों की खेती में इस बार होगा बंपर पैदावार! लेकिन इन बातों का रखें ध्यान

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Agency:News18 Madhya Pradesh

Last Updated:January 31, 2025, 07:30 IST

Agriculture Tips: सतना जिले में इस साल सरसों की खेती में अच्छे परिणाम की उम्मीद है. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, मौसम की अनुकूलता और सही समय पर बारिश से पैदावार बेहतर हो सकती है.

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सतना

सतना में सरसों की फसल से किसानों को उम्मीदें, विशेषज्ञ— बेहतर होगी पैदावार 

हाइलाइट्स

  • सरसों की खेती में इस साल बंपर पैदावार की उम्मीद।
  • समय पर बुवाई और सही उर्वरक का उपयोग जरूरी।
  • फसल की नियमित देखभाल से कीट और रोग नियंत्रण।

सतना. सतना जिले के किसानों के लिए इस बार सरसों की खेती में अच्छे परिणाम की उम्मीद है. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, इस साल मौसम की अनुकूलता और सही समय पर बारिश के कारण पैदावार बेहतर हो सकती है. इससे किसानों को अच्छा मुनाफा मिलने की संभावना है.

सरसों की खेती की स्थिति
लोकल 18 से बात करते हुए सहायक संचालक कृषि राम सिंह बागरी ने बताया कि इस साल सतना जिले में लगभग 15,000 हेक्टेयर में सरसों की खेती की गई है. मौजूदा समय में फसल पुष्पन अवस्था में है और किसी भी प्रकार की कीटव्याधि का प्रकोप नहीं देखा गया है.

समय पर बुवाई जरूरी
विशेषज्ञों ने बताया कि सरसों की समय पर बुवाई बहुत जरूरी होती है. 15 अक्टूबर से नवंबर के पहले सप्ताह तक बुवाई कर लेनी चाहिए, क्योंकि देर से बुवाई करने पर माहो कीट का प्रकोप बढ़ सकता है, जिससे फसल को नुकसान हो सकता है.

उर्वरकों का सही उपयोग
उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को सल्फर युक्त उर्वरक जैसे एसएसपी (सिंगल सुपर फॉस्फेट) और 20.20.0.13 का उपयोग करने की सलाह दी गई है. साथ ही फसल की वृद्धि के एक महीने बाद सिंचाई और यूरिया का छिड़काव करना भी आवश्यक होता है.

कीट और रोग नियंत्रण
विशेषज्ञों के अनुसार, अधिक नमी के कारण सरसों में फंगल कीट लगने की संभावना बढ़ जाती है, जिससे बचाव के लिए नियमित देखभाल जरूरी है. किसानों को समय-समय पर अपनी फसल का निरीक्षण करना चाहिए, ताकि किसी भी प्रकार की बीमारी से बचाव किया जा सके.

बुवाई की सही विधि अपनाएं
कुछ किसान सरसों की बुवाई के लिए सीड्रिल पद्धति का उपयोग करते हैं, जो गलत तरीका माना जाता है. आमतौर पर किसान गेहूं की तरह सरसों की बुवाई 22.5 सेमी की लाइन से लाइन दूरी में कर देते हैं, जिससे पौधा कमजोर और पतला हो जाता है. विशेषज्ञों ने 45 सेमी की दूरी पर बुवाई करने की सलाह दी है, जिससे उत्पादन बेहतर होगा और बीज की खपत भी कम होगी.

कटाई में देरी से बचें
किसानों को फसल की अत्यधिक परिपक्वता से बचने की सलाह दी गई है, जब 70% फलियों में दाना भर जाए और पौधे में पीला रंग दिखने लगे तब कटाई करना सही रहता है. इससे फसल झड़ने से होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है.

सरसों की खेती में सुधार से होगा लाभ
अगर किसान समय पर बुवाई, सही उर्वरक, उचित दूरी और रोग नियंत्रण का ध्यान रखें, तो इस साल सरसों की पैदावार शानदार हो सकती है. कृषि विशेषज्ञों ने उम्मीद जताई है कि यह सीजन किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगा.

Location :

Satna,Madhya Pradesh

First Published :

January 31, 2025, 07:30 IST

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