मेथी बुवाई के लिए अनुकूल समय
सीकर. किसानों को अच्छे उत्पादन के लिए समय-समय पर बोई गई सरसों की फ़सल में बगराडा कीट (पेटेंड बग) की निरंतर निगरानी करते रहना चाहिए. इसके अलावा फ़सल को कीटों से बचाने के लिए फालतू पौधों को हटा दे और खरपतवार नियंत्रण करने का काम अभी से शुरू कर दे. कृषि विभाग के अनुसार अभी अधिक तापमान व नमी के कारण सरसों की फसल में कालर रॉट नामक बीमारी का खतरा बढ़ गया है, जिससे फसल झुलसने की समस्या देखने को मिल रही है.
किसान अधिक मुनाफे के लिए सरसों की फसल में पहली सिंचाई करते समय भूमि में नमी की स्थिति को ध्यान में रखें और केवल आवश्यकता अनुसार ही सिंचाई करें. इसके लिए भूमि की नमी को 4-5 सेंटीमीटर गहराई मैप पोल जांचने के बाद ही सिंचाई करें. जिन किसानों ने पहले ही सरसों की फसल में सिंचाई कर ली है और उनकी फसल में झुलसने के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, वे स्ट्रेप्टोमाइसिन 200 पीपीएम (200 मिलीग्राम प्रति लीटर पानी) का एवं कार्बेन्डाजिम का 2 प्रतिशत घोल बनाकर पौधों के संक्रमित भाग पर छिड़काव करें.
मेथी बुवाई के लिए अनुकूल समय
मेथी की बुवाई का सबसे अनुकूल समय है. किसानों को उन्नत किस्मों के बीज RMT-1, RMT-143, राजेंद्र क्रांति और पूसा अर्ली बंच (P.E.B.) का उपयोग करने की सलाह दी जाती है. जड़ सड़न रोग को नियंत्रित करने के लिए, बुवाई से पहले बीज को मैनकोजेब कार्बेन्डेजिम (5:1 के अनुपात में), 2 ग्राम प्रति किलो बीज के मिश्रण से उपचारित करें. इसके अलावा बुवाई के लिए 20-25 किलोग्राम बीज प्रति हेक्टेयर उपयोग करें. पंक्ति से पंक्ति की दूरी 30 सेमी और पौधे से पौधे की दूरी 8-10 सेमी रखें. वर्तमान मौसम प्याज की नर्सरी बुवाई के लिए भी अनुकूल है. बीज दर 10 किग्रा प्रति हेक्टेयर रखें. बुवाई से पहले बीजों का केप्टान 2.5 ग्राम (प्रति किलोग्राम बीज) से उपचार अवश्य करें.
भूमि सुधार के लिए अनुदान
राज्य सरकार क्षारीय भूमि सुधार हेतु जिप्सम पर अनुदान देती है. कृषक को मिट्टी की जिप्सम जरूरत के आधार पर 50 फीसदी अनुदान दिया जाता है. राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत सॉइल हेल्थ एंड फर्टिलिटी कंपोनेंट के तहत क्षारीय भूमि सुधार हेतु एक किसान को 2 हेक्टेयर के लिए अधिकतम 5 मेट्रिक टन तक अनुदान दिया जाना है. दलहन एवं गेहूं फसल के लिए एक हेक्टेयर क्षेत्रफल हेतु 250 किलो (अधिकतम 2 हेक्टेयर के लिए) 50% अनुदान का प्रावधान है. यानी 1 किसान को 2 हेक्टेयर जमीन होने पर 10 बैग दिए जा सकते हैं. किसान स्वयं अपने स्तर पर राज किसान सुविधा ऐप से जिप्सम हेतु ऑनलाइन आवेदन कर सकता है.
बीमा पोर्टल शुरू
रबी फसल के लिए बीमा पोर्टल शुरू हो चुका है, जो 31 दिसंबर तक चालू रहेगा. जिन किसानों को अपनी रबी फसलों का बीमा करवाना है, वे अपने बैंक या CSC सेंटर से बीमा करवा सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED :
November 20, 2024, 18:00 IST