सर्वश्रेष्ठ है मार्गशीर्ष माह, अगहन में करें ये आसान उपाय, धन की नहीं होगी कमी

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Margashirsha Upay:  हिंदू धर्म में मार्गशीर्ष माह का विशेष महत्व है. स्वयं भगवान कृष्ण ने इस माह को सबसे श्रेष्ठ बताया है. शास्त्रों में कहा गया है कि ‘मासोनम मार्गशीर्षोहम्’ यानी मार्गशीर्ष के समान कोई दूसरा शुभ महीना. है. इसके अलावा अगहन माह से ही सतयुग का आरंभ हुआ था. इसी के कारण इस माह श्री कृष्ण के साथ-साथ अन्य देवी-देवता की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है.आइए जानें, मार्गशीर्ष मास में किन बातों का रखें ध्यान, कैसे चमकाएं अपनी किस्मत?

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1. इस महीने में नित्य श्रीमद्‍भगवतगीता का पाठ करें.
2. पूरे महीने ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का निरंतर जाप करें.
3. भगवान श्री कृष्ण की उपासना अधिक से अधिक समय तक करें.
4. इस महीने से संध्याकाल की उपासना अनिवार्य हो जाती है.
5. मार्गशीर्ष के महीने में तेल की मालिश बहुत उत्तम होती है.
6. अगहन के महीने में जीरे का सेवन नहीं करना चाहिए.
7. अगर इस महीने किसी पवित्र नदी में स्नान का अवसर मिले तो इसे न गंवाएं, अवश्य ही नदी में स्नान करें.
8. इस महीने से मोटे परिधानों का उपयोग भी शुरू कर देना चाहिए.
9. श्री कृष्ण को तुलसी के पत्तों का भोग लगाकर उसे प्रसाद स्वरूप ग्रहण करें.
10. इस महीने से चिकनाई वाले खाद्य पदार्थों का सेवन शुरू कर देना चाहिए.

मार्गशीर्ष माह में धार्मिक उपाय :
1. मार्गशीर्ष के इस पवित्र महीने में अगर आपने उपरोक्त बातों का ध्यान रखते हुए भगवान श्री कृष्ण की उपासना की और उनका भजन-कीर्तन किया तो निश्चित ही आपका कल्याण होगा. अत: इस महीने को व्यर्थ न गंवाते हुए धर्म-कर्म करते रहना चाहिए.

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2. मार्गशीर्ष मास में कपूर का दीपक जलाकर पूजा करने का खास महत्‍व होता है. दीपक जलाकर भगवान को अर्पण करने वाला अश्वमेध यज्ञ के बराबर फल पाता है और उसके कुल का उद्धार होता है.

3. मार्गशीर्ष मास में विष्णुसहस्त्रनाम, श्रीमतभागवत गीता और गजेन्द्रमोक्ष पाठ को करने की विशेष महिमा के बारे में पद्म पुराण में बताया गया है. इन तीनों का पाठ अवश्य करें.

4. मार्गशीर्ष में भगवान की पूजा में शंख के प्रयोग का खास महत्‍व माना गया है. इस महीने में शंख में तीर्थ का जल लेकर उससे भगवान कृष्‍ण और श्रीहर‍ि का अभिषेक करें. ऐसा करने वाला अपने समूचे कुल को तार देता है.

5. मार्गशीर्ष मास में जो व्‍यक्ति भगवान की पूजा के समापन के बाद भक्तिपूर्वक शंख की ध्वनि करता है उसके पितर स्वर्गलोक को प्राप्‍त होते हैं और इस लोक में उसको स्‍वयं भी कोई कष्‍ट नहीं होता है.

6. पद्म पुराण में बताया गया है कि मार्गशीर्ष मास में भगवान विष्‍णु को तुलसी काष्ठ के चंदन से तिलक करने वाले को भी उनकी पूजा से विशेष पुण्‍य की प्राप्ति होती है. शंख में चंदन रखकर मार्गशीर्ष मास में भगवान के अंगों का लेपन करने वाले को कभी अपने घर में धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है.

7. मार्गशीर्ष मास में भगवान विष्‍णु की तुलसीदल और आंवलों से भक्तिपूर्वक पूजा करने वाले को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और आपकी सभी इच्‍छाएं पूर्ण होती हैं.

Tags: Astrology, Dharma Aastha, Dharma Granth, Lord krishna, Lord vishnu

FIRST PUBLISHED :

November 22, 2024, 13:32 IST

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