जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को यहां मंत्रिमंडल बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें रोजगार, आरक्षण और भर्ती प्रक्रिया सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई और निर्देश पारित किए गए। मंत्रिमंडल ने जम्मू-कश्मीर में सरकारी नौकरियों में आरक्षण सीमा को संशोधित करने की बढ़ती मांग पर चर्चा की और इस मुद्दे पर सभी हितधारकों के साथ विचार-विमर्श के लिए एक उप-समिति गठित करने का निर्णय लिया। बैठक में उपमुख्यमंत्री सुरेन्द्र कुमार चौधरी, अन्य मंत्रीगण और मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने भाग लिया।
जावेद अहमद राणा ने बैठक के बाद दी जानकारी
एक महीने से अधिक के कार्यकाल के दौरान यह इस सरकार की दूसरी बैठक थी। जल शक्ति एवं वन मंत्री जावेद अहमद राणा ने बैठक के बाद मीडियाकर्मियों से कहा कि इस बैठक में रोजगार, आरक्षण, भर्ती प्रक्रिया और विकास सहित महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया। राणा ने कहा, “आज हमने मुख्यमंत्री के नेतृत्व में कैबिनेट की बैठक की। हमने विधानसभा में माननीय उपराज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा की और उसे मंजूरी दे दी गई है। आश्वस्त रहें, बैठक में लिये गए सभी निर्णय यथासमय आपके साथ साझा किए जाएंगे।”
‘दरबार मूव’ पर क्या बोले मंत्री?
उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान उपराज्यपाल के अभिभाषण पर गहन चर्चा की गई और उसे मंजूरी दी गई। ‘दरबार मूव’ (सर्दियों में राजधानी को श्रीनगर से जम्मू स्थानांतरित करने की प्रक्रिया) की मांग के बारे में पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर देते हुए मंत्री ने कहा, “उनके संबोधन में उल्लिखित प्रत्येक महत्वपूर्ण पहलू को इसमें शामिल किया गया है।”
चर्चा के दौरान बेरोजगारी के बारे में एक अन्य सवाल पर राणा ने कहा, “मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों को अपने-अपने विभागों में बेरोजगारी दूर करने को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया है। उन्हें अपनी कवायद शुरू कर देनी चाहिए। अपने 100-दिवसीय एजेंडे के हिस्से के रूप में, हम अगले दो महीनों के भीतर ठोस उपाय पेश करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” (भाषा इनपुट्स के साथ)
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