साइंस का गजब खेल! बंदर के शरीर में सूअर की किडनी, इंसानों को क्या फायदा?

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नई दिल्ली: साइंस ने बहुत तरक्की कर ली है. आज साइंस वह कुछ करने में संभव कर रहा है जो कभी इंसान के लिए सोचना भी मुमकिन नहीं था. खासकर के हेल्थ सेक्टर में साइंस ने कई जटिलताओं को सुलझाया है. जापानी स्टार्टअप कंपनी पोर्मेडटेक ने सोमवार को घोषणा की है कि उसने आनुवंशिक रूप से इंजीनियर सुअर की किडनी को बंदर में सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट किया है. यह जापान में पहली बार है, और उम्मीद है कि इससे भविष्य में मनुष्यों में पशु किडनी के उपयोग के बारे में जानकारी मिलेगी.

जापान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार फर्म ने बताया कि रविवार को कागोशिमा यूनिवर्सिटी के हिसाशी सहारा और क्योटो प्रीफेक्चरल यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन के मासायोशी ओकुमी के नेतृत्व में शोधकर्ताओं की एक टीम ने यह प्रक्रिया की. 7 वर्षीय नर बंदर में ट्रांसप्लांट किडनी 2½ महीने के सुअर से आई थी, जिसके जीन में वायरस संक्रमण और प्रतिरक्षा अस्वीकृति के जोखिम को कम करने के लिए कई प्रयोग किए गए थे.

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बंदर स्वस्थ
सोमवार दोपहर तक बंदर की हालत अच्छी थी. शोधकर्ताओं ने मूत्र निकलने की पुष्टि की, जो इस बात का संकेत था कि बंदर के शरीर में सुअर का अंग ठीक से काम कर रहा था. एक शोधकर्ता ने कहा, ‘हम बंदर प्रत्यारोपण अनुसंधान में लगातार प्रगति करना चाहते हैं और ज़ेनोट्रांसप्लांटेशन के व्यावहारिक अनुप्रयोग का मार्ग प्रशस्त करना चाहते हैं.’

और भी कई प्लान
मीजी यूनिवर्सिटी से निकली कंपनी पोर्मेडटेक ने फरवरी से अब तक कुल 39 डोनर सूअरों का उत्पादन किया है, जब इसने पहली बार यू.एस. बायोटेक स्टार्टअप ईजेनेसिस से आयातित कोशिकाओं का उपयोग करके तीन क्लोन पिगलेट बनाने में सफलता प्राप्त की थी. फर्म ने आयातित कोशिकाओं के नाभिक को अंडे की कोशिकाओं में डाला, जिससे आनुवंशिक रूप से भ्रूण तैयार हुए. फिर उन्होंने क्लोन पिगलेट बनाने के लिए भ्रूण को सरोगेट मदर सूअरों के गर्भाशय में ट्रांसप्लांट किया.

स्टार्टअप का कहना है कि अब उसके पास इस प्रकार उत्पादित 13 सूअर हैं, तथा इनका उपयोग प्राइमेट्स में और अधिक प्रत्यारोपणों में किया जाएगा, साथ ही इस बात पर शोध किया जाएगा कि प्राप्तकर्ता मॉडल कितने समय तक जीवित रह सकते हैं.

Tags: Japan News, Science news

FIRST PUBLISHED :

November 26, 2024, 07:23 IST

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