साइबेरियन पक्षी
आजमगढ़: यूपी के आजमगढ़ जिले के सगड़ी तहसील क्षेत्र में स्थित ‘ताल सलोना’ आजमगढ़ के सबसे बड़े तालों में से एक है. प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाने वाला यह ताल लगभग 1 हजार हेक्टेयर में फैला हुआ है. इसकी सुंदरता और पुरातन छाप के साथ यह ताल यहां के क्षेत्रवासियों के लिए रोजगार का सबसे बड़ा साधन है.
इस ताल में क्षेत्र वासियों के द्वारा कमलगट्टे, सुठानी, तिन्नी के चावल, मछली आदि का व्यापार किया जाता है. इसके अलावा सर्दी के मौसम आते ही विदेशी पक्षियों का भी आगमन इस ताल में होने लगता है, जो इसकी सुंदरता में चार चांद लगाने का काम करता है.
नवंबर माह में होता है साइबेरियन पक्षियों का आगमन
हर साल की तरह इस साल भी नवंबर के महीने में साइबेरियन पक्षियों का आगमन ताल सलोना के इर्द-गिर्द शुरू हो चुका है, लेकिन इन विदेशी पक्षियों के आते ही क्षेत्र में स्थित शिकारी भी सक्रिय हो जाते हैं, जो पक्षियों का शिकार करने के लिए ताल व उसके आसपास की जगहों पर जाल बिछाने लगते हैं. साइबेरियन पक्षियों का शिकार पूर्ण रूप से प्रतिबंधित होने के बावजूद यहां पर इन पक्षियों का शिकार करने के लिए शिकारी पूरी तरह से सक्रिय हो चुके हैं.
1200 रुपए में बिकते हैं ये पक्षी
यहां आसपास के क्षेत्र में मछली पालन आदि का व्यापार करने वाले कुछ लोग साइबेरियन पक्षियों के शिकार करने में लगे हुए हैं. मार्केट में साइबेरियन पक्षियों के अच्छे दाम मिलने के कारण यह शिकारी इन पक्षियों को पड़कर उनके पंख तोड़ देते हैं और 1000 से 1200 रुपए की कीमत पर मार्केट में बेच देते हैं. यहां विदेशी पक्षियों की कालाबाजारी इस कदर सक्रिय है कि इन्हें पकड़ने के लिए शिकारियों द्वारा तालों में कई तरह के उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है.
वहीं, एसपी ग्रामीण चिराग जैन ने बताया कि साइबेरियन पक्षियों को पकड़ने के लिए शिकारी गनशॉट, लाइसेंसी असलहे, जाल एवं चिड़िया की ध्वनि का इस्तेमाल करते हैं।,जिसके कारण यह पक्षी आसानी से शिकारी के जाल में फंस जाते हैं.
लाइसेंसी असलहे भी होंगे सील
उन्होंने बताया कि जीयनपुर पुलिस द्वारा कार्रवाई करते हुए साइबेरियन पक्षियों का शिकार करने वाले एक शिकारी को छापेमारी को दौरान पकड़ा गया. एसपी ग्रामीण चिराग जैन ने बताया कि गिरफ्तार शिकारी के पास से 5 विदेशी पक्षी सहित शिकार के कई अन्य सामान भी बरामद हुए हैं. विदेशी पक्षियों के शिकार पर रोक लगाने के लिए पुलिस द्वारा आसपास के गांव के लोगों को जागरूक किया जा रहा है. इसके अलावा लाइसेंसी असलहों को भी सील करने की तैयारी की जा रही है. लाइसेंसी असलहे से शिकार का मामला सामने आने पर संबंधित व्यक्ति पर कार्रवाई करते हुए लाइसेंसी असलहे को भी सील किया जाएगा.
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FIRST PUBLISHED :
November 22, 2024, 07:30 IST