क्या है मिनी मून.
भोपाल: सितंबर माह के अंत में एक अनोखी खगोलीय घटना होने के संकेत मिले हैं. एस्ट्रोनॉमी में दिलचस्पी रखने वाले लोगों के लिए कुछ अजब-गजब और खास होने जा रहा है. इस महीने के अंत में पृथ्वी के ऊपर एक नहीं बल्कि दो चांद देखे जा सकेंगे, यानी चांद के साथ एक मिनी मून भी दिखाई देगा.
यह मिनी मून असल में एक एस्टेरॉयड 2024 PT5 है, जिसको चंद्रमा की तरह दिखने और 29 सितंबर से 25 नवंबर तक अर्थ ऑर्बिट में एक चक्कर लगाने के कारण ‘मिनी मून’ नाम दिया गया है. यह विदेशी मेहमान अगले 56 दिन के लिए पृथ्वी की कक्षा में रहेगा. भोपाल के रीजनल साइंस सेंटर में भी इसको लेकर खास तैयारी चल रही है.
एक बस के बराबर ‘मिनी मून’
मिनी मून एस्टेरॉयड करीब 10 मीटर यानी एक बस के साइज का है, जिसे टेरेस्ट्रियल-इम्पैक्ट लास्ट अलर्ट सिस्टम के जरिए खोजा गया था. PT5 29 सितंबर से अगले 56 दिन के लिए पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में खींचा रहेगा, इसके बाद यह फिर से सूर्य का चक्कर लगाने लगेगा.
31 साल बाद फिर घूमने आएगा विदेशी मेहमान
रीजनल साइंस सेंटर भोपाल के प्रमुख साकेत सिंह कौरव ने लोकल 18 को बताया कि ये विदेशी मेहमान साल 2055 में फिर एक बार धरती का चक्कर लगाने आ सकता है. इसके पीछे साकेत कौरव मिनी मून उल्कापिंड के ऑर्बिट लगाने के रास्ते को बड़ी वजह बताते हैं.
कैसे देख पाएंगे यह खगोलीय घटना?
भोपाल स्थित रीजनल साइंस सेंटर प्रमुख के अनुसार, आप इस मिनी मून को खुली आंखों से नहीं देख पाएंगे. इसके लिए आपको प्रोफेशनल टेलिस्कोप की जरूरत होगी, क्योंकि यह भले ही अर्थ का चक्कर लगाएगा, लेकिन PT5 फिर भी धरती से बहुत दूर रहेगा. इसलिए आप बिना टेलिस्कोप इस विदेशी मेहमान को नहीं देख पाएंगे और उस समय भी चांद ही रात में सबसे चमकदार दिखेगा.
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FIRST PUBLISHED :
September 22, 2024, 17:01 IST