Agency:Local18
Last Updated:January 24, 2025, 16:32 IST
Plastic drinking waterप्लास्टिक की बोतल से पानी पीना सेहत और पर्यावरण के लिए खतरनाक है। इसमें मौजूद जहरीले केमिकल्स हार्मोनल असंतुलन, कैंसर और अन्य बीमारियां पैदा कर सकते हैं.
आजकल प्लास्टिक की बोतल से पानी पीना हमारी जिंदगी का हिस्सा बन चुका है. लोग सफर के दौरान, ऑफिस में या घर में आसानी के लिए प्लास्टिक की बोतल का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह आदत आपके स्वास्थ्य के लिए कितनी खतरनाक हो सकती है? प्लास्टिक की बोतलों से निकलने वाले केमिकल्स का असर धीरे-धीरे हमारे शरीर पर पड़ता है. बीपीए और फ्थेलेट्स जैसे रसायन हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकते हैं
प्लास्टिक की बोतल में छिपा जहर
प्लास्टिक की बोतलें अक्सर ऐसे केमिकल्स से बनाई जाती हैं, जो पानी में मिलकर हमारे शरीर में पहुंच जाते हैं. खासकर, अगर यह बोतल गर्मी के संपर्क में आए या लंबे समय तक इस्तेमाल की जाए. इन बोतलों में पाए जाने वाले बीपीए (बिसफेनॉल ए) और अन्य जहरीले पदार्थ हार्मोनल समस्याएं, कैंसर और हार्ट से जुड़ी बीमारियों का कारण बन सकते हैं.
बार-बार इस्तेमाल से बढ़ता खतरा
अक्सर लोग प्लास्टिक की बोतलों को बार-बार इस्तेमाल करते हैं, जबकि ये सिर्फ एक बार के उपयोग के लिए बनाई जाती हैं. बार-बार इस्तेमाल करने पर प्लास्टिक की परत खराब हो जाती है और उसमें से हानिकारक केमिकल्स पानी में घुलने लगते हैं.
प्लास्टिक के विकल्पों पर करें विचार
स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए अब वक्त आ गया है कि हम प्लास्टिक की जगह दूसरे विकल्पों का इस्तेमाल करें. कांच, तांबा और स्टील की बोतलें प्लास्टिक का सबसे अच्छा और सुरक्षित विकल्प हैं. कांच की बोतलें पर्यावरण के लिए सुरक्षित होती हैं और इनमें किसी भी तरह का केमिकल रिसाव नहीं होता. वहीं, तांबे की बोतलें पानी को शुद्ध करने के साथ-साथ इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करती हैं.
पर्यावरण को भी पहुंच रहा है नुकसान
प्लास्टिक की बोतलें सिर्फ हमारी सेहत के लिए ही नहीं, बल्कि पर्यावरण के लिए भी खतरनाक हैं. प्लास्टिक को गलने में सैकड़ों साल लगते हैं, जिससे यह मिट्टी और पानी को प्रदूषित करता है. अगर हम इसे कम करेंगे तो पर्यावरण को भी बड़ी राहत मिलेगी.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
January 24, 2025, 16:32 IST