सीताफल आइस क्रीम
राजनांदगांव: कृषि विभाग के सहयोग से महिलाओं के स्व सहायता समूह ने सीताफल से आइसक्रीम बनाने की एक अनूठी पहल शुरू की है. सीताफल के पल्प को एकत्रित कर, महिलाएं इसे आइसक्रीम में तब्दील कर रही हैं, जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा मिल रहा है. इसके साथ ही, वे अन्य विभिन्न प्रकार के उत्पाद भी बना रही हैं, जिससे वे आत्मनिर्भर हो रही हैं.
पूरी तरह से ऑर्गेनिक आइसक्रीम
संस्कारधानी महिला कृषक अभिरुचि समूह द्वारा तैयार की गई इस आइसक्रीम में पूरी तरह से ऑर्गेनिक सामग्री का उपयोग किया जा रहा है. महिलाओं ने लोकल 18 को बताया कि सीताफल के फल को पहले तोड़कर लाया जाता है, फिर इसके पल्प को अलग कर स्टोर किया जाता है. इसके बाद, दूध को गर्म किया जाता है और उसमें शक्कर, कस्टर्ड पाउडर, इलायची पाउडर मिलाए जाते हैं. अंत में, आइसक्रीम बनाने वाली मशीन में बर्फ और नमक डालकर इसे तैयार किया जाता है, जो पूरी तरह से मिलावट-मुक्त है.
सशक्तीकरण की दिशा में कदम
वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी जयसिंह खेंगर ने बताया कि आत्मा योजना के अंतर्गत महिलाएं सशक्त बन रही हैं. सीताफल के अलावा, आम, जामुन और अन्य फलों से भी आइसक्रीम का निर्माण किया जा रहा है. महिलाओं के लिए एक आउटलेट की योजना बनाई गई है, जहां वे अपने उत्पादों को बेच सकेंगी.
सामूहिक प्रयास और आत्मनिर्भरता
इस महिला स्वयं सहायता समूह में लगभग 10 से 12 महिलाएं शामिल हैं, जो मिलकर इन उत्पादों का निर्माण कर रही हैं. इस पहल से न केवल महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं, बल्कि उन्हें अपने कौशल का प्रदर्शन करने का भी अवसर मिल रहा है. सीताफल से बनी आइसक्रीम और अन्य उत्पाद स्थानीय बाजार में अपनी पहचान बना रहे हैं.
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FIRST PUBLISHED :
September 24, 2024, 17:58 IST