सूर्य के डूबने के साथ अंधकार की शुरुआत होती है, जिसे नकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है. इसमें नकारात्मक शक्तियां हावी होने लगती हैं. रात के समय में ही तंत्र साधना भी की जाती है. निशिता काल में लोग तंत्रों की सिद्धि करते हैं. धर्म ग्रंथों में सूर्यास्त बाद कुछ कार्यों को करने की मनाही है. इनको करने से धन का नाश होता है और माता लक्ष्मी भी रूठ जाती हैं. शाम होने पर यदि आप वो काम करते हैं तो आप कंगाल हो सकते हैं. आप आर्थिक संकट के दलदल में फंस सकते हैं. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं कि सूर्यास्त के बाद यानी शाम के समय में कौन से काम नहीं करने चाहिए.
सूर्यास्त बाद न करें ये काम
1. जब सूर्यास्त हो जाए तो आपको अपने घर में झाड़ू और पोछा नहीं लगाना चाहिए. इससे धन का नाश होता है. झाड़ू को माता लक्ष्मी से जोड़कर देखा जाता है. झाड़ू से साफ सफाई करते हैं और ऐसे स्थान पर ही माता लक्ष्मी वास करती हैं.
2. सूर्यास्त के बाद जब अंधेरा होने लगे तो घर का मुख्य दरवाजा बंद करके नहीं रखना चाहिए. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शाम के समय में माता लक्ष्मी समेत देवी-देवताओं का आगमन होता है. यदि आप दरवाजा बंद करके रखेंगे तो वे बाहर से ही लौट जाएंगे. घर के मुख्य द्वार पर एक दीपक जलाना चाहिए और लाइट्स भी जला देनी चाहिए, ताकि घर में अंधेरा न रहे.
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3. संध्या के समय में किसी भी व्यक्ति को घर में सोना नहीं चाहिए. इससे नकारात्मकता, आलस्य हावी होता है और घर में अलक्ष्मी का वास होता है. ऐसे घर में उन्नति नहीं होती है क्योंकि धन और वैभव की देवी माता लक्ष्मी वहां नहीं आती हैं.
4. संध्या के समय में तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए. यदि आप ऐसा करते हैं तो आपको दोष लगेगा और माता लक्ष्मी भी आपसे नाराज हो सकती हैं. इससे घर में दरिद्रता आती है. शाम में तुलसी पूजा और वहां पर दीपदान करने का विधान है.
5. शाम के समय आपको भूलकर भी दही, नमक, हल्दी, धन आदि का दान नहीं करना चाहिए और न ही सुई, लहसुन, प्याज, खट्टी चीजें घर से बाहर करना चाहिए. ऐसा करना अशुभ माना जाता है. लोक मान्यता के अनुसार, शाम के समय में किसी को रूपए उधार नहीं देते हैं. ऐसा करने से घर की लक्ष्मी चली जाती हैं.
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6. सूर्यास्त के बाद कपड़ा धोने, नाखून और बाल काटने की भी मनाही है. जूठे बर्तन भी नहीं धोना चाहिए. घर के अंदर इस समय क्लेश, झगड़ा, वाद विवाद करना भी अशुभ फलदायी माना जाता है.
7. गरुड़ पुराण में बताया गया है कि सूर्यास्त के बाद अंतिम संस्कार नहीं करना चाहिए. यदि ऐसा करते हैं तो जीवात्मा को कई प्रकार की पीड़ा सहन करनी पड़ सकती है और जब उसका अगला जन्म होगा तो उसके अंगों को समस्याएं हो सकती हैं.
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FIRST PUBLISHED :
November 16, 2024, 12:23 IST