सेना में शामिल हो रहा स्वदेशी 'ब्रह्मास्त्र', खर्च होंगे 10,000 करोड़

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Last Updated:February 06, 2025, 19:33 IST

रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना के पिनाका रॉकेट सिस्टम के लिए ₹10,147 करोड़ की दो डील्स साइन की हैं. यह डील नागपुर की इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड और पुणे की म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड के साथ की गई है. इससे सेना ...और पढ़ें

सेना में शामिल हो रहा स्वदेशी 'ब्रह्मास्त्र', खर्च होंगे 10,000 करोड़

2 कंपनियों को 10,000 करोड़ रुपये का सौदा मिला है. (सांकेतिक तस्वीर)

हाइलाइट्स

  • रक्षा मंत्रालय ने ₹10,147 करोड़ की दो डील्स साइन की.
  • सेना की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए पिनाका रॉकेट सिस्टम खरीदा जाएगा.
  • डील से छोटे और मध्यम उद्योगों को भी लाभ मिलेगा.

नई दिल्ली. रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना के पिनाका मल्टी-लॉन्चर रॉकेट सिस्टम के लिए ₹10,147 करोड़ की दो बड़ी डील पर साइन किए हैं. इन डील्स के तहत आधुनिक गोला-बारूद खरीदा जाएगा, जिससे सेना की मारक क्षमता में इजाफा होगा. यह कदम ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत देश की रक्षा निर्माण क्षमता को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण फैसला माना जा रहा है. यह डील नागपुर स्थित इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड और पुणे की म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड के साथ की गई है.

इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड को एरिया डिनायल म्यूनिशन (ADM) की आपूर्ति का काम दिया गया है, जबकि म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड सेना के लिए लंबी दूरी तक मार करने वाले रॉकेट बनाएगी. एरिया डिनायल म्यूनिशन दुश्मन के टैंकों, वाहनों और सैनिकों को निशाना बनाकर उन्हें आगे बढ़ने से रोकने में मदद करेगा, जबकि उन्नत रेंज वाले रॉकेट दुश्मन के इलाके में अंदर तक घुसकर सटीक हमला कर सकेंगे.

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क्या होगा फायदा
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इस सौदे से भारतीय सेना के आर्टिलरी रॉकेट रेजिमेंट का मॉर्डनाइजेशन होगा और युद्ध क्षमता को और अधिक मजबूती मिलेगी. पिनाका रॉकेट सिस्टम पहले ही भारतीय सेना के महत्वपूर्ण हथियारों में शामिल हो चुका है और इसे 76वें गणतंत्र दिवस परेड में प्रदर्शित भी किया गया था. इस परेड में भारतीय सेना ने टी-90 टैंक, बीएमपी-2 सरथ इंफैंट्री कॉम्बैट व्हीकल, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल और आकाश वेपन सिस्टम जैसे अत्याधुनिक हथियारों का प्रदर्शन किया था.

लघु उद्योगों को लाभ
मंत्रालय ने कहा कि इस डील से भारत के छोटे और मध्यम उद्योगों (MSME) को भी काफी लाभ मिलेगा, क्योंकि इन हथियारों के निर्माण में घरेलू कंपनियों और सप्लायर्स की बड़ी भूमिका होगी. इसके अलावा, यह परियोजना देश में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर बढ़ाने में भी मदद करेगी.

मेक इन इंडिया को प्रोत्साहन
सरकार ने हाल के वर्षों में रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं. इनमें विदेशी हथियारों के आयात पर चरणबद्ध प्रतिबंध, घरेलू रक्षा खरीद के लिए अलग बजट आवंटित करना और रक्षा क्षेत्र में विदेशी निवेश (FDI) की सीमा को 49% से बढ़ाकर 74% करना शामिल है. इस साल के केंद्रीय बजट में सरकार ने कुल ₹6.81 लाख करोड़ का रक्षा बजट तय किया है, जिसमें से ₹1.8 लाख करोड़ सेना के आधुनिकीकरण के लिए रखे गए हैं. खास बात यह है कि कुल आधुनिकीकरण बजट का 75% हिस्सा भारतीय रक्षा कंपनियों से खरीदारी पर खर्च किया जाएगा, ताकि देश की रक्षा उत्पादन क्षमता को और मजबूत किया जा सके.

Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

February 06, 2025, 19:33 IST

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