नई दिल्ली:
दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (Lieutenant Governor VK Saxena) और सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच लंबे समय से मतभेद चल रहे हैं. लेकिन शुक्रवार को अचानक वीके सक्सेना ने दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी (Atishi) की तारीफ की. सक्सेना ने आतिशी को पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) से "हजार गुना बेहतर" बताया. उपराज्यपाल का पिछले महीनों में केजरीवाल से कानूनी, प्रशासनिक और शासन के अन्य मुद्दों पर कई बार तीखा टकराव हो चुका है.
शुक्रवार को दोपहर में इंदिरा गांधी दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी फॉर वूमेन के दीक्षांत समारोह में वीके सक्सेना ने कहा कि वे इस बात से खुश हैं कि वर्तमान मुख्यमंत्री एक महिला हैं. सक्सेना ने मंच पर अपने साथ बैठीं मुख्यमंत्री की ओर एक नजर डालते हुए कहा, "...और मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि वे अपने पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री से हजार गुना बेहतर हैं."
वीके सक्सेना ने अपने इस बयान में जहां आतिशी की तारीफ की, वहीं दूसरी तरफ परोक्ष रूप से आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल को निशाना बना डाला.
आतिशी ने 21 सितंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. तब आम आदमी पार्टी के भीतर इस बात को लेकर थोड़ी खींचतान चल रही थी कि केजरीवाल की जगह कौन लेगा. अरविंद केजरीवाल ने इससे कुछ दिन पहले ही इस्तीफा दिया था. अगले साल होने वाले चुनाव से पहले विवादास्पद कथित शराब नीति घोटाला मामले में जमानत मिलने के बाद केजरीवाल ने एक बयान के साथ पद छोड़ दिया था. केजरीवाल ने घोषणा की थी कि वे दिल्ली के लोगों से "ईमानदारी का प्रमाण पत्र" मांगेंगे.
वीके सक्सेना आतिशी के लिए हमेशा अच्छे शब्दों का इस्तेमाल करते रहे हैं. हालांकि अप्रैल में जब केजरीवाल जेल में थे, तो सक्सेना ने आतिशी और उनके पार्टी सहयोगी सौरभ भारद्वाज को "शासन के नियमित कार्यों" पर चर्चा करने के लिए अपने कार्यालय में बुलाए जाने पर "गंभीरता की कमी" के लिए फटकार लगाई थी.
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एलजी सक्सेना ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा, “जैसे-जैसे आप आगे बढ़ते हैं, जीवन में चार मार्गदर्शक उभरकर सामने आते हैं- पहले आप खुद होते हैं. आपकी खुद के प्रति भी कुछ जिम्मेदारियां होती हैं, जिनका आपको निर्वहन करना होता है. इसके बाद आपके माता-पिता. आपके माता-पिता के प्रति भी आपकी जिम्मेदारियां होती हैं. इसके बाद आपका समाज. इसके बाद आपकी चौथी जिम्मेदारी यह होती है कि आप खुद को एक महिला के रूप में साबित करें, जिसने सभी भेदभाव की दीवार को ध्वस्त कर हर क्षेत्र में अपनी जीत का परचम लहराया है. लेकिन आप इन सभी जिम्मेदारियों का निर्वहन तभी कर पाएंगी जब आप खुद समृद्ध होंगी और आपकी समृद्धि में शिक्षा का अमूल्य योगदान रहता है."
(इनपुट एजेंसियों से)
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