Jharkhand Election 2024. झारखंड में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है,और इसके साथ ही सभी राजनीतिक पार्टियां चुनावी मोड में आ गई हैं. सभी दल अपनी रणनीतियों के साथ मैदान में उतर चुके हैं, और झरिया विधानसभा क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है. झरिया की जनता किन मुद्दों पर वोट करेगी, यह जानने के लिए “लोकल 18” की टीम ने यहां के विभिन्न मतदाताओं से बातचीत की.
झरिया के मुख्य मुद्दे: रोजगार, विकास और बुनियादी सुविधाएं
झरिया विधानसभा क्षेत्र कोयला खनन के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन यहां के लोगों के लिए रोजगार, सड़क, पानी और बुनियादी सुविधाएं मुख्य चुनावी मुद्दे बने हुए हैं. ऑटो चालक सुरेंद्र कुमार ने कहा, “हम कांग्रेस को समर्थन करेंगे, क्योंकि कांग्रेस सरकार ने सड़कें बनवाई हैं और हम ऑटो चालकों को ड्रेस दी है.” उनका मानना है कि पिछले कुछ वर्षों में कांग्रेस सरकार ने विकास के काम किए हैं, जिनसे जनता को लाभ हुआ है.
वहीं, दूसरी ओर दिलीप पांडे नामक एक स्थानीय निवासी ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, “इस बार हम वोट का बहिष्कार करेंगे, क्योंकि जो भी नेता जीतकर आता है, वह काम नहीं करता है. जीतने के बाद पांच साल तक उनका कोई दर्शन नहीं होता.” पांडे का गुस्सा साफ दिखाता है कि झरिया में जनता के एक वर्ग में वर्तमान नेतृत्व को लेकर नाराजगी है.
झरिया में त्रिकोणीय मुकाबला: बीजेपी, महागठबंधन और जेएलकेएम
झरिया में चुनावी माहौल इस बार बेहद दिलचस्प नजर आ रहा है, क्योंकि यहां तीन प्रमुख राजनीतिक धड़े आमने-सामने हैं, जहां एक ओर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के समर्थक हैं, वहीं दूसरी ओर महागठबंधन (जिसमें कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल शामिल हैं) का प्रभाव भी देखने को मिल रहा है. इसके अलावा, जेएलकेएम भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहा है.
कई स्थानीय लोगों से बातचीत के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि झरिया में भाजपा, कांग्रेस और जयएम के बीच कड़ी टक्कर है. कुछ युवा मतदाता जयराम महतो की पार्टी को एक नई उम्मीद के रूप में देख रहे हैं. एक युवा मतदाता ने कहा,”हम इस बार जेएलकेएम को वोट देंगे, क्योंकि हम परिवर्तन चाहते हैं. हमें लगता है कि नई सरकार हमारे लिए बेहतर काम करेगी.”
वहीं, भाजपा समर्थकों का कहना है कि भाजपा की नीतियों से झारखंड में विकास हुआ है और इसे ही जारी रहना चाहिए. भाजपा के समर्थक सुभाष यादव का मानना है कि “पिछली भाजपा सरकार ने क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण विकास कार्य किए हैं, और इस बार भी भाजपा को मौका मिलना चाहिए.”
क्या कहता है जनता का मूड?
झरिया में बातचीत के दौरान यह साफ हुआ कि यहां के मतदाता अभी तक पूरी तरह से किसी एक दल के पक्ष में फैसला नहीं कर पाए हैं. कुछ लोग कांग्रेस के विकास कार्यों से खुश हैं, तो कुछ भाजपा की नीतियों को समर्थन दे रहे हैं. वहीं, जेएलकेएम के उभरते हुए प्रभाव को भी नकारा नहीं जा सकता. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता किसे अपना प्रतिनिधि चुनती है.
झरिया की चुनावी तस्वीर बहुत ही पेचीदा है, और मतदाताओं का रुख अंतिम समय में ही स्पष्ट हो पाएगा. 23 नवंबर को जब झारखंड में चुनाव के नतीजे आएंगे, तभी यह तय हो सकेगा कि झरिया में किसकी सरकार बनेगी. अभी तक यहां त्रिकोणीय मुकाबला साफ नजर आ रहा है, जिसमें भाजपा, महागठबंधन और जयएम तीनों ही प्रमुख खिलाड़ी हैं. अब यह देखना बाकी है कि मतदाताओं का अंतिम निर्णय किसके पक्ष में जाता है.
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FIRST PUBLISHED :
October 26, 2024, 10:32 IST