बल्लभगढ़ के किसान धान के कम रेट से परेशान, उचित समर्थन मूल्य की मांग।
फरीदाबाद: हर साल कई सारे किसानों को खेती के कारण जान देते हुए देखा गया है और ये आकड़ा हर साल बढ़ रहा है. बता दें कि हर साल किसानों को उनके फसल के दाम मिलने के बाद निराश देखा जाता है.वहीं आज हम हरियाणा के बल्लभगढ़ तहसील के रायपुर कला गांव के किसान श्री चंद्र के बारे में बताएंगे, जिनकी उम्र 55 वर्ष है.उनकी 9 एकड़ की ज़मीन है,जहां वे खेती करते हैं. खेती ही उनके परिवार के गुज़ारे का मुख्य साधन है.
धान के रेट और मंडी की स्थिति
श्री चंद्र ने बताया कि इस साल धान के रेट बहुत कम हैं मंडी में धान का रेट 2200-2300 रुपये प्रति क्विंटल है. यह रेट किसानों के लिए घाटे का सौदा बन रहा है. उनके अनुसार, इस साल की तुलना में पिछले साल हालात इतने खराब नहीं थे, लेकिन इस बार की मंदी ने किसानों की स्थिति और कठिन कर दी है
खेती में होने वाला खर्चा
श्री चंद्र के अनुसार, एक एकड़ खेती में लगभग 21,000 से 21,500 रुपये का खर्च आ रहा है,जबकि धान बेचने से उन्हें औसतन 25,000 रुपये मिलते हैं. इसका मतलब है कि 6 महीने में सिर्फ 3,000-3,500 रुपये की बचत हो रही है, जो कि बेहद कम है इतने कम मुनाफे से किसान अपने परिवार का पालन-पोषण नहीं कर पा रहे हैं.
खाद और अन्य संसाधनों की समस्या
श्री चंद्र ने बताया कि डीएपी और यूरिया जैसे जरूरी खाद समय पर उपलब्ध नहीं होते हैं. यूरिया की मात्रा कम कर दी गई है,लेकिन उसके दाम में कोई कमी नहीं आई. इसके अलावा, किसानों को ये खाद सरकारी दुकानों से नहीं मिलती है, बल्कि उन्हें प्राइवेट दुकानों से महंगे दाम पर खरीदना पड़ता है. इससे खेती का खर्च और बढ़ जाता है.
उचित समर्थन मूल्य की मांग
श्री चंद्र ने बताया कि धान का सही रेट 4000-5000 रुपये प्रति क्विंटल होना चाहिए, जिससे किसानों को काफी राहत मिलेगी, उनके अनुसार, औसत मुनाफा तभी निकल सकता है. जब धान का मूल्य साढ़े पांच हजार रुपये प्रति क्विंटल हो. उन्होंने कहा कि वर्तमान रेट से आधा भी सही नहीं है, जिससे किसान अपने परिवार का गुजारा नहीं कर पा रहे हैं.
पारिवारिक योगदान
श्री चंद्र ने कहा कि उनका पूरा परिवार खेती के काम में लगा रहता है, लेकिन इस कमाई में परिवार का गुजारा करना बेहद मुश्किल हो गया है.
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FIRST PUBLISHED :
October 22, 2024, 16:05 IST