मुंबई. हरियाणा और जम्मू-कश्मीर का चुनावी दंगल समाप्त हो चुका है. खासकर हरियाणा के चुनाव परिणाम ने सबको चौंका दिया. एग्जिट पोल और राजनीतिक पंडितों ने अपने कैलकुलेशन में कुछ और ही बात कही थी, लेकिन परिणाम ने सबको चौंका दिया. खुद कांग्रेस इस हार से भौंचक्की है. राहुल गांधी ने हरियाणा चुनाव पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वह अप्रत्याशित नतीजे का विश्लेषण कर रहे हैं. अनेक विधानसभा क्षेत्रों से आ रही शिकायतों से चुनाव आयोग को अवगत कराएंगे. अब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव पर नजरें टिकी हैं. प्रदेश में मुख्य चुनावी मुकाबला महायुति और महाविकास अघाड़ी (MVA) के बीच है. हालांकि, दोनों ही गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर अभी तक अंतिम सहमति नहीं बन सकी है. दोनों तरफ से सिर्फ दावे ही किए जा रहे हैं.
सत्तारूढ़ महायुति में भाजपा के अलावा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और शिवसेना (शिंदे गुट) शामिल हैं. MVA में कांग्रेस के साथ ही शिवसेना (उद्धव गुट) और एनसीपी (शरद पवार गुट) हैं. हरियाणा में हार से हिली कांग्रेस ने अब शीट शेयरिंग पर नए सिरे से दावा किया है. कांग्रेस की महाराष्ट्र यूनिट के अध्यक्ष नाना पटोले ने बुधवार को कहा कि महाविकास आघाड़ी में सीट बंटवारे पर बातचीत लगभग पूरी हो चुकी है. दक्षिण मुंबई के वाईबी चव्हाण सेंटर में विपक्षी गठबंधन नेताओं की बैठक के बाद पटोले ने कहा कि हम 11 अक्टूबर को फिर से बैठक करेंगे. हमने सभी 288 सीटों पर चर्चा पूरी कर ली है. कोई विवाद नहीं है. बता दें कि कांग्रेस नेता का यह बयान ऐसे समय आया है जब 8 अक्टूबर को उद्धव ठाकरे ने एक बार फिर से पुरानी मांग दोहराते हुए मुख्यमंत्री का चेहरा चुनाव से पहले घोषित करने की बात कही है. पटोले ने कहा, ‘हम इस बात पर विचार-विमर्श कर रहे हैं कि राज्य को मौजूदा भ्रष्ट, महाराष्ट्र विरोधी और किसान विरोधी सरकार से कैसे छुटकारा दिलाया जाए.’
महायुति में फंस सकता है पेच
महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति में शामिल भाजपा, शिवसेना और एनसीपी के बीच सीट बंटवारे पर बातचीत के बीच सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली पार्टी की पुणे यूनिट शहर की 8 में से तीन सीट पर चुनाव लड़ने की इच्छुक है. शिवसेना के पुणे अध्यक्ष प्रमोद भांगिरे ने बुधवार को कहा कि उनकी नजर खड़कवासला, वडगांव शेरी और हडपसर सीट पर है, क्योंकि इन निर्वाचन क्षेत्रों में उनकी पार्टी की मजबूत उपस्थिति है. भाजपा के पास वर्तमान में पुणे से 5 विधायक हैं. पार्टी का पार्वती, कोथरुड, शिवाजीनगर, पुणे छावनी और खड़कवासला पर कब्जा है. वडगांव शेरी और हडपसर से अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा के विधायक हैं. वहीं, कस्बापेठ सीट कांग्रेस के पास है.
‘हमारी अच्छी पकड़’
प्रमोद भांगिरे ने कहा कि शिवसेना ने पुणे शहर में अच्छी पकड़ बना ली है. पार्टी संगठन और कैडर के मामले में हमारी स्थिति मजबूत है, इसलिए हमारी आगामी राज्य चुनावों के लिए हडपसर, वडगांव शेरी और खड़कवासला पर नज़र रख रहे है. उन्होंने कहा कि महायुति के घटक दल सीट बंटवारे के फार्मूले को अंतिम रूप दे रहे हैं, इसलिए उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से पुणे शहर में तीन सीट की उनकी मांग पर विचार करने का आग्रह किया है.
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FIRST PUBLISHED :
October 9, 2024, 21:29 IST