SI सरिता पटेल स्टूडेंट के साथ.
आकाश निषाद, जबलपुर: मध्यप्रदेश के जबलपुर में एक अनूठी घटना में, बरगी नगर चौकी की SI सरिता पटेल ने 12 वर्षीय अभिषेक बर्मन की जिंदगी बदल दी. अभिषेक, जो आर्थिक तंगी के कारण नाव चलाकर गुजारा कर रहा था, को SI ने स्कूल में प्रवेश दिलाकर पढ़ाई की ओर वापस लौटाया.
पतवार से किताब तक का सफर
गणेश विसर्जन के दौरान ड्यूटी पर तैनात SI सरिता पटेल की नजर अभिषेक पर पड़ी, जो नाव चला रहा था. बातचीत के दौरान अभिषेक ने बताया कि उसके माता-पिता दिल्ली में काम करते हैं, और वह नानी के घर रह रहा है. आर्थिक तंगी के कारण उसे नौवीं कक्षा में एडमिशन नहीं मिल पाया, और मजबूरन उसे नाव चलाने का काम करना पड़ा. अभिषेक ने आठवीं कक्षा तक पढ़ाई की थी, लेकिन पैसे की कमी ने उसकी पढ़ाई छीन ली.
SI सरिता पटेल का कदम
अभिषेक की स्थिति सुनकर SI सरिता पटेल ने तुरंत कदम उठाया. उन्होंने शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, बरगी नगर से संपर्क किया, लेकिन पोर्टल बंद होने के कारण एडमिशन संभव नहीं हो पाया. फिर SI ने भोपाल से विशेष अनुमति लेकर पोर्टल खुलवाया और अभिषेक का एडमिशन सुनिश्चित किया. उन्होंने खुद अभिभावक बनकर प्रवेश फॉर्म पर हस्ताक्षर किए.
अभिषेक की पढ़ाई की जिम्मेदारी
अभिषेक के एडमिशन के बाद, SI सरिता पटेल ने उसकी किताबें, बैग और फीस की भी व्यवस्था की. उनका कहना है कि हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार है, और पैसे की कमी के कारण कोई भी बच्चा इससे वंचित नहीं रहना चाहिए. अब अभिषेक ने पतवार छोड़कर किताबें हाथ में थाम ली हैं और नौवीं कक्षा में पढ़ाई शुरू कर दी है.
SI सरिता पटेल के इस नेक कार्य की जबलपुर में जमकर सराहना हो रही है. उनके इस कदम ने न केवल एक बच्चे को नई दिशा दी, बल्कि समाज के लिए एक प्रेरणा भी प्रस्तुत की है.
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FIRST PUBLISHED :
September 22, 2024, 16:26 IST