मेरठ: धन-संपत्ति के लालच में लोग इस हद तक गिर गए हैं कि अपनी ही मां के जान की परवाह नहीं है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ में ऐसा ही मामला देखने को मिला. एक बेटा अपनी मां को अस्पताल में इलाज करने के बजाय रजिस्ट्री कार्यालय में संपत्ति नाम करने के लिए ले गया. इस नजारे को देखने वाले लोग आश्चर्य चकित हो गए. जिस स्थिति में उसकी मां थी उन्हें सबसे पहले इलाज की जरूरत थी और उन्हें हॉस्पिटल ले जाना चाहिए लेकिन बेटे की प्राथमिकता प्रॉपर्टी थी. हालांकि, बेटे की चालाकी पर पानी फिर गया और वह अपने मंसूबे में सफल नहीं हो सका.
ब्रह्मपुरी थाना क्षेत्र के इंदिरा नगर के रहने वाले अशोक गर्ग के दो बेटे हैं. बड़ा बेटा राजीव गर्ग सीए है. छोटा बेटा संजीव गर्ग बिजनेस करता है. पिता अशोक गर्ग की बीमारी के चलते पहले ही मृत्यु हो चुकी है. उनके निधन के बाद सभी प्रॉपर्टी उनकी पत्नी चंद्रप्रभा के नाम ट्रांसफर हो गई थी. अब वह भी काफी समय से बीमारी के कारण बेड रेस्ट पर हैं. ऐसे में छोटा बेटा मां की सेहत का ध्यान रखने और उन्हें अस्पताल ले जाने की जगह एम्बुलेंस से रजिस्ट्री ऑफिस लेकर पहुंच गया और प्रॉपर्टी अपने नाम करानी चाही. हालांकि, इस दौरान उसकी दोनों बहनें और बड़ा भाई राजीव गर्ग भी मौके पर पहुंच गए. इसके बाद जमकर हंगामा देखने को मिला.
विवाद के कारण रोक दी रजिस्ट्री
इस मामले पर सब रजिस्टार आशुतोष त्रिपाठी ने बताया कि सुबह एक व्यक्ति अपनी मां को लेकर यहां प्रॉपर्टी के संबंध में आया था. कार्रवाई चल रही थी और मां के बयान लिए जा रहे थे. इसी बीच बड़ा बेटा और अन्य परिवार के सदस्य भी पहुंच गए. वह जबरदस्ती प्रॉपर्टी नाम कराने का आरोप लगाकर हंगामा करने लगे. ऐसे में पारिवारिक विवाद को देखते हुए रजिस्ट्री को रोक दिया गया है. बताते चलें कि दोनों ही परिवार विवाद के बाद वहां से चले गए. ऐसे में छोटे बेटे द्वारा उठाया गया कदम मेरठ में चर्चा का विषय बना हुआ है.
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FIRST PUBLISHED :
November 25, 2024, 09:03 IST