Agency:News18 Madhya Pradesh
Last Updated:January 24, 2025, 15:29 IST
Balaghat News : बालाघाट जिले में एक महिला ने दूसरे या तीसरे नहीं बल्कि 10वें बच्चे को जन्म दिया है, जबकि शासन जनसंख्या नियंत्रण पर जोर दे रहा है. महिला और उनके पति नसबंदी के लिए अस्पताल गए थे, लेकिन मना कर दिया...और पढ़ें
बालाघाट के जिला अस्पताल में बैगा समुदाय की महिला ने 10वें बच्चे जन्म दिया
बालाघाट. बालाघाट जिला अस्पताल में 21 जनवरी को एक बैगा समुदाय की महिला ने दूसरे या तीसरे नहीं बल्कि 10वें बच्चे को जन्म दिया है. इस तरह का मामला तब सामने आ रहा है, जब शासन जनसंख्या नियंत्रण को लेकर जागरुकता अभियान चला रही है. ऐसे में इस तरह का मामला आज के दौर में आम नहीं है. महिला के पति दसरु मरकाम ने बताया कि यह महिला की दसवीं संतान है, जिनमें से 8 अभी जीवित हैं. इससे पहले वे स्थानीय अस्पताल में नसबंदी के लिए भी गए, लेकिन इसके लिए उन्हें मना कर दिया गया. पूरा मामला जानने के लिए पढ़ें लोकल 18 की खास रिपोर्ट…
महिला ने 10वें बच्चे को दिया जन्म
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. निलय जैन ने बताया कि महिला परसवाड़ा क्षेत्र की बघोली गांव की रहने वाली हैं. उनका यह 10वां बच्चा है. इस बार नॉर्मल डिलीवरी नहीं हुई है. ऐसे में सीजर के 48 घंटे तक कुछ स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है. महिला की यह दूसरी शादी है. उनकी पहली शादी से उन्हें दो बच्चे हुए थे. वहीं, दूसरी शादी से आठ बच्चे हुए हैं. इनमें से दो बच्चों की मौत हो चुकी है.
‘परिवार नियोजन चाहते थे लेकिन इजाजत नहीं’
महिला के पति दसरु ने बताया कि हम मजदूरी करते हैं. ऐसे में परिवार के पालन पोषण में समस्या आती है. हम परिवार नियोजन चाहते हैं. इसके लिए हम स्थानीय स्तर पर अस्पतालों में गए, लेकिन उन्होंने मना कर दिया. अस्पताल प्रशासन ने कहा था कि बैगा समुदाय की आबादी में कमी आ रही है. ऐसे में समुदाय को संरक्षित करने के लिए उनकी नसबंदी की इजाजत नहीं है. ऐसे में हम चाहते हैं कि हमें नसबंदी की इजाजत दी जाए. वहीं, दसरू ने बताया कि बघोली गांव में बैगा समुदाय के सिर्फ चार ही परिवार है.
‘इजाजत लेकर नसबंदी का प्रावधान’
दरअसल, बैगा जनजाति की आबादी में लगातार आ रही कमी को लेकर सरकार चिंता में थी. ऐसे में मध्यप्रदेश में 1979 में बैगा जनजाति के लोगों के नसबंदी न करने को लेकर कानून बना दिया गया था. हालांकि, बाद में हाईकोर्ट ने इसे निरस्त कर दिया था. वहीं, इस पर जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. निलय जैन ने बताया कि बैगा समुदाय में पुरुष या महिला के नसबंदी को लेकर प्रशासन से इजाजत लेनी होती है. वहीं, इसमें कई तरह की कानूनी प्रावधानों को ध्यान में रखना होता है. इसके बाद यह देखा जाता है कि महिलाओं के नसबंदी के लिए परिवार की स्थिति और महिला की स्वास्थ्य स्थिति को देखा जाता है.
एक साल में ऐसा दूसरा मामला
बालाघाट जिले में यह पहले मामला नहीं है, जिसमें बैगा समुदाय की महिला ने 10 बच्चों के जन्म दिया है। इससे पहले एक मामला जुलाई 2024 में भी आया था. एक 35 साल की बैगा जनजाति की महिला ने 10वें बच्चे को जन्म दिया था. उनके सात बेटे और तीन बेटियां है. वहीं, उनकी बड़ी बेटी की शादी हो गई है.
Location :
Balaghat,Madhya Pradesh
First Published :
January 24, 2025, 15:29 IST
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