सूरत में रहने वाले 40 वर्षीय विष्णु चरण नायक ने यह साबित कर दिया है कि उम्र केवल एक संख्या है. मूल रूप से ओडिशा के निवासी विष्णुभाई ने अपने जीवन में कई चुनौतियों का सामना किया. करघा कारखाने में काम करने वाले विष्णु ने अपनी मेहनत और दृढ़ता के बल पर ओडिशा सिविल सेवा परीक्षा पास कर युवाओं के साथ कंधे से कंधा मिलाया. उनकी यह यात्रा प्रेरणा का अद्वितीय उदाहरण है.
अल्प वेतन में शुरू किया संघर्ष
2010 में विष्णु नायक अपने परिवार के लिए रोजगार की तलाश में ओडिशा से सूरत आए. यहां उन्होंने मात्र 5,000 रुपये मासिक वेतन पर सांचा की फैक्ट्री में काम शुरू किया. विष्णु इस छोटे वेतन में घर का किराया देने, बच्चों की पढ़ाई और परिवार की देखभाल करते थे. लेकिन वह जीवनभर ऐसी नौकरी नहीं करना चाहते थे और खुद को बेहतर बनाने की चाह उन्हें आगे बढ़ाती रही.
पढ़ाई का सपना कभी नहीं छोड़ा
परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण विष्णु को 12वीं कक्षा में पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी. लेकिन सूरत आने के बाद उन्होंने पढ़ाई का सपना फिर से पूरा करने का निर्णय लिया. उन्होंने इग्नू के माध्यम से 12वीं की परीक्षा दी और एक फैक्ट्री में काम करते हुए स्नातक की डिग्री हासिल की. राजनीति विज्ञान में मास्टर डिग्री पूरी करने के बाद विष्णु ने नेट परीक्षा पास की और विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर बने.
मेहनत और लगन से पाया मुकाम
विष्णु ने बताया कि फैक्ट्री में काम करने के दौरान उन्हें शुरुआत में 5,000 से 6,000 रुपये मिलते थे. आर्थिक तंगी के बावजूद उन्होंने पढ़ाई का साथ नहीं छोड़ा. धीरे-धीरे उन्होंने 12वीं, स्नातक और फिर मास्टर डिग्री हासिल की. इसके बाद विष्णु ने नेट परीक्षा पास की और शिक्षा क्षेत्र में कदम रखा.
ओडिशा सिविल सेवा में मिली बड़ी सफलता
जब ओडिशा में सरकारी नौकरी के लिए आवेदन आया, तो विष्णु ने परीक्षा देने का फैसला किया. उन्होंने 2022 में प्रीलिम्स परीक्षा पास की और अगले तीन वर्षों में मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार समेत सभी चरण पूरे कर 426वीं रैंक के साथ सफलता हासिल की. करघा कारखाने में मशीनें चलाने वाले विष्णु अब जिले का प्रशासन संभालेंगे.
लोगों के लिए प्रेरणा बने विष्णु
विष्णुभाई ने कहा, “मैंने 37 साल की उम्र में इस परीक्षा के लिए आवेदन किया था. मेरे लिए पढ़ाई ही सबसे बड़ा हथियार बनी. अब मेरी कोशिश होगी कि सरकारी योजनाओं का लाभ सभी तक पहुंचाऊं और लोगों को यह सिखाऊं कि कड़ी मेहनत से सबकुछ संभव है.”
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FIRST PUBLISHED :
November 26, 2024, 21:38 IST