13 साल से मुआवजे की लड़ाई, जमीन पर लोटते हुए किसान पहुंचा कलेक्ट्रेट ऑफिस

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पीड़ित

पीड़ित दंडवत कर नापते हुए कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे 

सारंगढ़ जिला कलेक्टर में अनोखा मामला सामने आया है, जहां अपनी मांग को लेकर पीड़ित अपनी पत्नी के साथ मुख्यमार्ग से कलेक्ट्रेट कार्यालय तक कर नापते (लोट मारते) पहुंचा है. पीड़ित किसान की जमीन अपर भंडोरा में सोनिया जलाशय योजना में डूब गई है, जिसकी मुआवजा की मांग पिछले 11 साल से कर रहे हैं. पूर्व में अधिकारियों को दिए आवेदन की पावती को पीड़ित ने अपने शरीर में चस्पा किया है और कर नापते हुए कलेक्टोरेट कार्यालय पहुंचे हैं.

सन 2000 में हुआ था अधिग्रहण
सारंगढ़ के टूंड्री के रहने वाले पीड़ित किसान घनश्याम श्रीवास ने Local 18 को बताया कि उनकी जमीन को शासन ने सन 2000 में अधिग्रहण कर लिया था, जिसमें सोनिया जलाशय योजना के तहत उनकी जमीन अधिग्रहित की गई थी. 2013 में प्रकरण बना लेकिन आज तक उन्हें जमीन का मुआवजा नहीं मिला है. वर्षों से कोर्ट-कचहरी और सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने के बाद भी जब उन्हें मुआवजा नहीं मिला तो घनश्याम ने अपनी पत्नी के साथ इस मामले से संबंधित 11 वर्षों के सारे दस्तावेजों को अपने कपड़े में चस्पा कर लिया और पति-पत्नी दोनों पूरी राह जमीन पर दंडवत करते हुए (कर नापते हुए) कलेक्टोरेट पहुंचे.

रोड पर गुलाटी मारके जाना एक मन्नत: घनश्याम 
घनश्याम ने बताया कि उनका मानना है कि भगवान अगर उनकी कामना पूरी नहीं करते तो कर नापना एक तरह की मन्नत होती है. पिछले 11 साल से कलेक्टर, मुख्यमंत्री, एसडीएम कार्यालय जा जाकर थक गए हैं, इसलिए उनके मन में खयाल आया कि जो कलेक्ट्रेट रूपी मंदिर है उसमें कलेक्टर के रूप में भगवान विराजमान हैं. उन्हें मनाने के लिए मन्नत मानते हुए कर नापते हुए कलेक्टर के पास पहुंचे हैं.

2017 में मुआवजा मिलने वाला था, अभी तक नहीं मिला
घनश्याम श्रीवास ने बताया कि 2013 में प्रकरण बना फिर 2017 में मुआवजा मिलने वाला था, लेकिन चार वर्ष पुराना होने के कारण मुआवजा की राशि नहीं मिल सकी. 2017 में फिर से नए प्रकरण बनते-बनते 2022 हो गया, लेकिन मुआवजा नहीं मिला. अभी तक तीन जिले बदल गए – पहले रायपुर, फिर बलौदा बाजार, और अब वर्तमान में सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिला बन गया है. अब तक घनश्याम के डेढ़ एकड़ और अन्य छह किसानों के 6 से 7 एकड़ जमीन का मुआवजा नहीं मिला है. घनश्याम श्रीवास का कहना है कि अगर आने वाले 15 दिनों के भीतर उन्हें मुआवजा नहीं मिलता है तो वह राजधानी रायपुर पहुंचकर मुख्यमंत्री निवास के सामने परिवार के साथ आत्मदाह करने को मजबूर हो जाएंगे. इस संबंध में अपर कलेक्टर वर्षा बंसल ने कहा कि सोनिया जलाशय योजना के डूबान क्षेत्र के संबंध में आवेदन मिला है. इस पर जल्द ही नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. अगर मुआवजा के लिए पात्र होंगे तो जल्द ही दिलाया जाएगा.

Tags: Chhattisagrh news, Local18, Special Project

FIRST PUBLISHED :

October 3, 2024, 16:41 IST

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