खरगोन. भैरव अष्टमी पर शनिवार को खरगोन के एक दर्जन ज्यादा मंदिरों में धूमधाम से भक्तों ने बाबा काल भैरव का जन्मोत्सव मनाया. कुंदा और नर्मदा नदी तट पर स्थित श्री काल भैरव, चोली के प्राचीन 52 भैरव और मंडलेश्वर के छप्पन देव मंदिर में बड़े आयोजन हुए. सुबह से हवन, यज्ञ के बाद भंडारों का आयोजन हुआ, जहां हजारों भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया. शाम को महाआरती के बाद केक काटकर जन्मदिन मनाया.
मदिरा-पान का भोग
शहर के कुंड नदी तट स्थित श्री काल भैरव मंदिर में दिनभर भक्तों का तांता लगा रहा. मंदिर पुजारी अंतिम गोस्वामी एवं मंदिर समिति के राजेश वर्मा ने बताया कि प्रातः 10 बजे विद्वान पंडितों द्वारा रुद्राभिषेक किया. पूरे दिन पूजन-अर्चन का जारी रहा. महाकाल की तरह यहां भी भक्तों ने बाबा का मदिरा पान भी कराया. जलेबी और विभिन्न प्रकार की मिठाइयों का भोग लगाया. शाम को बाबा का आकर्षण श्रृंगार किया गया. पूरे मंदिर और गर्भगृह को फूलों और विद्युत सज्जा से सजाया गया. शाम 7:30 बजे महाआरती हुई.
केक काटकर मना जन्मदिन
पवित्र नगरी मंडलेश्वर स्थिति देश के इकलौते दो हजार साल पुराने श्री छप्पन मंदिर में स्थापित भगवान श्री काल भैरव का जन्मोत्सव केक काटकर मनाया गया. यहां बाबा काल भैरव की महिमा के आगे मुगल काल में औरंगजेब ने भी घुटने टेक दिए थे. यहां सुबह हवन कुंड में भक्तों द्वारा आहुति के बाद भंडारे का आयोजन हुआ, जिसमें नगर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से आए सैकड़ों लोगों ने भोजन प्रसादी ग्रहण की. शाम 7:30 बजे काकड़ा आरती की गई. भजन संध्या का आयोजन हुआ. 56 भोग लगाया. केक काटकर जन्मदिन मनाया.
एक ही मंदिर में 52 भैरव
इधर, देवों की नगरी देवगढ़ चोली में भैरव अष्टमी पर पांडव कालीन 52 भैरव मंदिर में दर्शन पूजन के दूर-दूर से भक्तों आए. यहां एक ही मंदिर में बाबा भैरव की 52 प्रतिमाएं मौजूद है. बाबा को 56 भोग लगाया. दोपहर 12 बजे कन्या भोज के साथ विशाल भंडारे का आयोजन हुआ. महोत्सव का यह 10 वर्ष था. वहीं, मंडलेश्वर में नर्मदा तट स्थित बाबा काल भैरव के मंदिर में दो दिवसीय आयोजन हुआ. 23 तारीख को अभिषेक, वहां, श्रृंगार के बाद भंडारा हुआ.
जन्मोत्सव पर यहां भी आयोजन
साथ ही खरगोन के भावसार मोहल्ले में सिद्धनाथ महादेव मंदिर, विराजित श्री काल भैरव, कुंड तट पर कालिका मंदिर, जमींदार मोहल्ला में मां बागेश्वरी माता मंदिर और ब्रह्माणपुरी में बाकी माता मंदिर व शीतला माता मंदिर में विराजित बाबा काल भैरव का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया.
FIRST PUBLISHED :
November 24, 2024, 15:28 IST