पैरेंट्स को क्या कराना चाहिए बेबी फोटोशूट? यह नवजात के लिए क्यों ठीक नहीं...

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बेबी फोटोशूट बच्चे के जन्म के 2 हफ्ते के अंदर होता है (Image-Canva)बेबी फोटोशूट बच्चे के जन्म के 2 हफ्ते के अंदर होता है (Image-Canva)

हर कपल को पैरेंट्स बनने पर बहुत खुशी होती है. इस खुशी को अधिकतर नए मम्मी-पापा अपने सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं. कुछ तो अपने बच्चे के लिए इतने एक्साइटेड होते हैं कि उनका ही फोटोशूट कराने लगते हैं. लेकिन नवजात का फोटोशूट कराना सिरदर्द बन सकता है. हल्की-सी भूल बच्चे की सेहत पर भारी पड़ सकती है और भविष्य में कोई समस्या भी हो सकती है. 

बेबी फोटोशूट जान पर भारी
फोटोग्राफी एक कला है लेकिन नवजात के साथ यह जोखिम से भरी होती है. नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में छपी स्कूपिंग रिव्यू की रिपोर्ट में इसे एक महामारी बताया गया है. आजकल अधिकतर नए पैरेंट्स इस महामारी का शिकार हैं. इस स्टडी में बेबी फोटोशूट को बच्चे की रीढ़ की हड्डी,  जॉइंट्स, नसों और ब्लड सर्कुलेशन के लिए खतरा बताया गया. ऐसे फोटोशूट बच्चे की जान तक ले सकते हैं.  

फ्रॉगी पोज से टूट सकती हैं हड्डियां
आजकल बेबी फोटोशूट में फ्रॉगी पोज बहुत आम है. इसमें बच्चे के गालों पर दोनों हाथ रखवा जाते हैं. नवजात खुद से बैलेंस नहीं कर सकता है इसलिए अगर इस पोज में चूक हो जाए तो बच्चे का मुंह जमीन पर लग सकता है और हाथों में झटका आ सकता है. यह पॉजिशन बच्चे की छोटी-छोटी हड्डियों को तोड़ भी सकती हैं. इसके अलावा कुछ पोज हैंगिंग होते हैं. इसमें एक कपड़े में  बच्चे को बैठाया जाता है. इसे हम्मोक पोज कहते हैं. इसमें बच्चे को हैंग करने वाला कपड़ा बहुत हल्का होता है. अगर इसकी गांठ खुल जाए या बच्चा अपनी पोजिशन बदल ले तो वह नीचे भी गिर सकता है.  

नवजात शिशु से 20 सेकंड से ज्यादा फोटो पोज नहीं कराना चाहिए (Image-Canva)

पोटैटो सैक पोज से खून का बहाव हो सकता है कम
पोटैटो सैक में बच्चे को कपड़े में लपेटा जाता है और हाथों को मुंह के नीचे रखा जाता है. यह पोज देखने में बहुत खूबसूरत लगता है लेकिन इससे कई बार बच्चा असहज हो जाता है और ब्लड सर्कुलेशन पर भी असर पड़ता है. इसमें बच्चे को कपड़े में 3 बार रैप किया जाता है. पेरेंट्स पहले जांच कर लें कि पहली गांठ टाइट बंधी हो जिससे बच्चे की पीठ और गर्दन को सपोर्ट मिले. इसके बाद बाकी दो बार रैप करें. इसमें बार-बार जांच करनी चाहिए कि बच्चे के जॉइंट और हिप्स पर प्रेशर ना पड़ रहा हो. 20 से 30 सेकंड बाद ही बच्चे को कपड़े से निकाल देना चाहिए. इसी तरह एक बकेट पोज होती है जिसमें एक बच्चे को बाल्टी में खड़ा कर मुंह को सपोर्ट दिया जाता है. यह भी बच्चों के जॉइंट्स को नुकसान पहुंचा सकता है. 

बच्चों की गर्दन होती है नाजुक
कुछ फोटोज में बच्चे के मुंह के नीचे हाथ को ऐसे रखवाया जाता है जैसे लगे कि बच्चा कुछ सोच रहा है. कई बार उनकी आंखों पर चश्मा भी बांध दिया जाता है. बच्चे की गर्दन बहुत ढीली होती  है. हाथों के ऊपर मुंह टिकाना, उनकी गर्दन पर प्रेशर डाल सकता है और हो सकता है उनसे वजन सहन ना हो. इससे गर्दन समेत बच्चे की कॉलरबोन टूट सकती है. दरअसल नवजात की हड्डियां बहुत सॉफ्ट होती हैं इसलिए उनकी फ्रैक्चर या टूटने की आशंका ज्यादा होती है.  

सिब्लिंग शॉट्स में एहतियात बरतें
कुछ पैरेंट्स अपने नवजात के साथ उसके बड़े भाई या बहन का भी फोटोशूट करवाते हैं. बच्चों के हाथ में नवजात को पकड़ाना ठीक नहीं है. बच्चे मूडी होते हैं. अगर बड़ा बच्चा 2 से 4 साल का हो तो उन्हें इतनी समझ नहीं होती कि नवजात बच्चे को कैसे पकड़ना है. कई बार वह गुस्से में आकर बच्चा हाथों से छोड़ भी सकते हैं इसलिए यह फोटो तभी क्लिक करवानी चाहिए जब सिब्लिंग समझदार हो. 

बेबी फोटोशूट हमेशा मेडिकल स्टाफ के सुपरविजन और हाइजीन के साथ होना चाहिए (Image-Canva)

पेट्स से हो सकती है एलर्जी
कुछ लोग अपने घर के पेट्स के साथ भी नवजात का फोटोशूट करवाते हैं. पेट्स भले ही कितना प्यार करें लेकिन वह जानवर ही होते हैं. बच्चे को पंजे भी मार सकते हैं और काट भी सकते हैं. यहीं नहीं पेट्स से बच्चों को एलर्जी होने का भी खतरा रहता है. दरअसल नवजात शिशु का इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत नहीं होता. उनके शरीर के लिए यह दुनिया नई होती है. ऐसे में अगर पेट्स से कोई बैक्टीरिया या वायरस बच्चे की बॉडी में एंटर कर जाए तो यह उन्हें बीमार कर सकता है. इसलिए नवजात शिशु को पेट्स से दूर रखना चाहिए.  

एक्सपर्ट की निगरानी में ही कराएं फोटोशूट
फोटोग्राफर संदीप अरोड़ा कहते हैं कि न्यूबॉर्न बेबी का फोटोशूट जन्म के 5 से 14 दिन के बीच होता है. कुछ लोग बच्चे के जन्म से पहले ही इस फोटोशूट की बुकिंग करा लेते हैं. इस उम्र में बच्चे खूब सोते हैं इसलिए उनकी फोटो में स्लीपी एंगल ज्यादा होता है. चूंकि नवजात बहुत नाजुक होता है इसलिए यह फोटोशूट एक्सपर्ट की निगरानी में होता है और बच्चे को हर पोज में सहारा दिया जाता है. यह बहुत मुश्किल टास्क होता है क्योंकि नवजात कोई मॉडल नहीं होता और ना ही उन्हें कुछ गाइड किया जा सकता है. फोटोग्राफर को बहुत सब्र रखकर यह फोटोशूट करना पड़ता है. कुछ फोटोशूट मेडिकल स्टाफ के सुपरविजन में भी होते हैं. इस फोटोशूट में खास ध्यान रखा जाता है कि बच्चे की बॉडी को झटका ना लगे. पेरेंट्स को ध्यान रखना चाहिए कि बेबी फोटोशूट हमेशा किसी एक्सपर्ट से ही करवाएं. 

Tags: Baby Care, Parenting tips, Photo Viral, Social media, Social media post

FIRST PUBLISHED :

November 24, 2024, 18:14 IST

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