Agency:NEWS18DELHI
Last Updated:February 11, 2025, 13:55 IST
Delhi: इंदौर की एक युवती की स्टेज पर डांस करते-करते मौत हो गई. वो केवल 23 साल की थी. इस प्रकार की समस्याओं पर दिल्ली के एक्सपर्ट डॉक्टर ने अपनी राय दी और बताया कि युवाओं को दिल का दौरा नहीं पड़ता कार्डिएक अरेस्...और पढ़ें
इंदौर के मामले पर बोले डॉक्टर
हाइलाइट्स
- 23 साल की युवती की स्टेज पर डांस करते मौत हुई.
- डॉक्टर ने बताया कि युवाओं को कार्डिएक अरेस्ट होता है.
- कार्डिएक अरेस्ट का कारण जन्मजात दिल की बीमारी हो सकता है.
दिल्ली. इंदौर का एक मामला इन दिनों काफी चर्चित हो रहा है, जिसमें विदिशा के मगधम रिसॉर्ट में शादी के दौरान डांस करते हुए अचानक एक युवती मुंह के बल गिर जाती है. जब उसे अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. परिणीता जैन नाम की इस युवती की उम्र सिर्फ 23 साल थी. वह इंदौर की रहने वाली थी और अपनी कजन सिस्टर की शादी में शामिल होने आयी थी. इस मामले ने सोशल मीडिया पर भी काफी तूल पकड़ लिया है और एक बार फिर से हमारे समाज में यह सवाल उठने लगा है कि क्या कम उम्र के लोगों को भी दिल का दौरा पड़ सकता है.
कम उम्र के लोगों को ये होता है
कम उम्र में दिल का दौरा पड़ने की वजह क्या है, यही जानने के लिए जब हमने अपोलो हॉस्पिटल के मशहूर हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मुकेश गोयल से बात की, तो उन्होंने बताया कि ज्यादा उम्र के लोगों को दिल का दौरा होता है और कम उम्र के लोगों को कार्डिएक अरेस्ट होता है. लोगों को सबसे पहले इन दोनों में अंतर समझ लेना चाहिए.
बुजुर्गों में होता है ये
उन्होंने बताया कि दिल का दौरा तब पड़ता है जब दिल की धमनियों के छेदों में कोलेस्ट्रॉल और कैल्शियम जमा हो जाता है. ये पहले साफ होते हैं लेकिन उम्र बढ़ने के साथ-साथ इनमें जमाव हो जाता है. इसके बावजूद ब्लड फ्लो चलता रहता है. होता बस इतना है कि इंसान की चलने में सांस फूलने लगती है जो कुछ देर आराम करने के बाद ठीक हो जाती है. लेकिन जब ब्लड क्लॉट हो जाता है और जिस एरिया में दिल की ब्लड सप्लाई पूरी तरह से रुक जाती है, उस एरिया की जो मसल्स होती हैं, वे मरना शुरू हो जाती हैं.
लगातार उस क्षेत्र की हार्ट मसल्स के मरने से दिल में खून की सप्लाई पूरी तरह से रुक जाती है और अगर 20 से 30 मिनट के अंदर वह रिस्टोर नहीं हुई तो इंसान की जान चली जाती है. इसे दिल का दौरा कहते हैं. आमतौर पर यह 40 से ऊपर की उम्र के लोगों में देखा जाता है.
अचानक मौत यानी कार्डिएक अरेस्ट
डॉ. मुकेश गोयल ने बताया कि कार्डिएक अरेस्ट का मतलब अचानक मौत होता है, जब दिल की धड़कन अचानक रुक जाती है और इंसान गिर जाता है, उसकी मौत हो जाती है. कार्डिएक अरेस्ट आमतौर पर 20 से 25 साल की उम्र के लोगों में देखा जाता है. यह कम उम्र के लोगों में अधिक होता है और इसका मेन कारण जन्मजात दिल से जुड़ी कोई बीमारी, यानी कंजेनिटल हार्ट डिफेक्ट होता है. हालांकि आजकल की जीवनशैली भी वजह बन रही है.
इंदौर के मामले में 23 साल की लड़की के साथ भी यही हुआ है. जब किसी को दिल की कोई जन्मजात बीमारी होती है और उसका समय पर इलाज नहीं कराया जाता या उचित देखरेख नहीं होती, तो कार्डिएक अरेस्ट हो सकता है. कार्डिएक अरेस्ट यानी अचानक दिल की धड़कन का रुक जाना.
इन जांचों से पता चल जाएगा कि दिल फिट है या नहीं
वे आगे बताते हैं कि लोगों को दिल की जांच के लिए तमाम तरह की जांच कराने की जरूरत नहीं है. सिर्फ कुछ प्रमुख जांचें करा लेने से पता चल जाएगा कि उनका दिल कितना मजबूत है. इसके लिए सबसे पहले लिपिड प्रोफाइल कराना चाहिए, जो बैड कोलेस्ट्रॉल को मापती है. इसकी वैल्यू 100 से नीचे होनी चाहिए.
ये भी टेस्ट कराएं
दूसरी जांच एचडीएल की होती है, जो गुड कोलेस्ट्रॉल को मापती है. इसकी वैल्यू 40 के अंदर होनी चाहिए. तीसरी जांच ट्राइग्लिसराइड टेस्ट की होती है, जिसकी वैल्यू 150 के नीचे होनी चाहिए. इसके बाद ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर की जांच भी जरूरी होती है, जिन्हें नियंत्रित रखना चाहिए. सिर्फ इन जांचों को करवा लेने से यह पता चल जाएगा कि दिल कितना मजबूत और फिट है.
First Published :
February 11, 2025, 13:55 IST