50 सालों में यहां हुई सबसे ज्यादा बारिश, रेगिस्तान की नदियां, कुंए और तालाब हुए रिचार्ज, सालों तक दिखेगा असर
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50 सालों में यहां हुई सबसे ज्यादा बारिश, रेगिस्तान की नदियां, कुंए और तालाब हुए रिचार्ज, सालों तक दिखेगा असर
रिपोर्ट- कृष्ण कुमार गौर
जोधपुर: पश्चिमी राजस्थान के डार्क जोन कहे जाने वाले रेगिस्तानी इलाके में दशकों पहले सूख चुके कुएं इस मानसून में रिचार्ज हो रहे हैं. दरअसल, इस साल के मानसून में इस बार राजस्थान में 50 साल में सबसे ज्यादा बारिश हुई है. बारिश की कमी से पिछले 10-15 साल में राज्य की कई नदियां सूख चुकी हैं. सैकड़ों तालाब, कुएं और झीलें खत्म हो चुकी हैं. राजस्थान की मरूगंगा कही जाने वाली लूणी नदी में 50 साल में पहली बार हुआ है कि अजमेर से 320 किलोमीटर दूर बिलाड़ा के पिचियाक बांध तक पानी पहुंचा है. इस बार मानसून ने 49 साल की बारिश का रिकॉर्ड तोड़ा है.
एक्सपर्ट का कहना है कि अब तक 58 फीसदी ज्यादा बारिश का असर आने वाले कई सालों तक दिखेगा. इससे ग्राउंड वाटर लेवल 15% तक रिचार्ज होने के चलते भू जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है. खासतौर पर रेगिस्तानी इलाके में खूब पानी बरसा है. इससे पूरे इलाके में सालभर का पानी जमा हो गया है. भूजल स्तर तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में कुएं रिचार्ज होने लगे हैं.
युवा किसानों की खेती के प्रति बढ़ी रुचि
जोधपुर के बिलाड़ा स्थित बालियावास के करीब 500 साल पुराने और 100 फीट गहरे कुएं में 90 फीट की गहराई तक कुएं रिचार्ज होने लगे हैं. 21 साल से सूखे इस कुएं का जलस्तर 10 फीट पहुंच चुका है. अब भी इसमें पानी तेजी से रिचार्ज हो रहा है. किसानों ने बताया की लूणी नदी से 20 से अधिक गांवों में करीब 300 से अधिक कुओं में पानी का जलस्तर बढ़ गया है. सिंचाई करने के बाद कुएं में पुन: पानी आ रहा है. आस-पास के कुएं तो लबालब हो रखे हैं. पानी होने से युवा किसानों की खेती के प्रति रुचि बढ़ी है.
तल से नहीं, दीवारों से रिचार्ज होते हैं कुएं
केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान जोधपुर के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. आरके गोयल की माने तो कुएं तल से नहीं, दीवारों से रिचार्ज होते हैं. कुएं में पानी नीचे तल से नहीं बल्कि उसकी दीवारों की साइड से आता है. बंपर बारिश का असर आने वाले कई सालों तक दिखेगा. इससे ग्राउंड वाटर लेवल 15% तक रिचार्ज होने की संभावना है.
Tags: Local18
FIRST PUBLISHED :
October 8, 2024, 21:23 IST