उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं और पुरुषों में कुछ अलग बीमारियां भी पैदा होने लगती है। ऐसी ही पुरुषों में पाई जाने वाली एक बड़ी समस्या है प्रोस्टेट का बढ़ना। पुरुषों के शरीर में मौजूद प्रोस्टेट एक ग्रंथि होती है। सामान्यतौर पर जब उम्र 50-55 के पार पहुंचती है तो कुछ लोगों में ये ग्रंथि बढ़ने लगती है। इस बीमारी को बिनाइन प्रोस्टेटिक हाईपरप्लासिया भी कहा जाता है। ऐसी स्थिति में पेशाब संबंधी समस्याएं होने लगती है। प्रोस्टेट बढ़ने पर यूरिन ब्लैडर, जहां आपका यूरिन इकट्ठा होता है वहां यूरिन पास होने में रुकावट आने लगती है। जिससे बार बार यूरिन जाने की फीलिंग आती है। कई बार यूरिनरी ट्रैक, यूरिन ब्लैडर या किडनी से जुड़ी हुई परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है।
प्रोस्टेट बढ़ने के लक्षण
- यूरिन फ्रीक्वेंसी में बदलाव होना यानि आपको दिनभर में 8-10 से ज्यादा बार पेशाब आना
- यूरिन पास करने की इच्छा होना और पेशाब रोकने में मुश्किल होना
- रात में सोते वक्त बार-बार यूरिन पास करने जाना
- पेशाब करते वक्त शुरुआत में दर्द होना
- टॉयलेट के बाद तकलीफ होना
- पेशाब के गंध और रंग बदलना
- टॉयलेट के बाद भी यूरिन टपकना
- युरिनरी रिटेंशन की समस्या
- अचानक पेशाब को नहीं रोक पाना
ऐसी स्थिति में जब यूरिनरी ब्लैडर पूरी तरह से खाली नहीं हो पाता है तो यूरिनरी ट्रैक इंफेक्शन यानि UTI होने का खतरा ज्यादा होता है। कई बार पेशाब में खून आना, स्टोन या तेजी से युरिनरी रिटेंशन की समस्या हो सकती है।
प्रोस्टेट बढ़ने का इलाज
प्रोस्टेट ग्लैंड बढ़ने पर कई तरह से इलाज किया जा सकता है। सबसे पहले डॉक्टर आपकी जांच करते हैं। फिर ग्लैंड के साइज के हिसाब से दवा या सर्जरी की जाती है। इसके इलाज में थेरेपी, मेडिकेशन या सर्जरी शामिल है। ये आपके डॉक्टर प्रोस्टेट बढ़ने के लक्षण और साइज को देखकर निर्णय लेते हैं। इसलिए कोई भी ऐसा लक्षण महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर को जरूर दिखाना चाहिए।
(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)