शिल्पकार विनोद गोस्वामी
नई दिल्ली: 1983 में आई फिल्म अंधा कानून आप सभी देखी होगी. इस फिल्म में सदी के महानायक अमिताभ बच्चन पर एक गाना फिल्माया गया था ये अंधा कानून है. जिसको आवाज दी थी किशोर कुमार ने. लेकिन अब भारत का कानून अंधा नहीं है. अब न्याय की देवी की आंखें खुल गईं हैं. यहां तक कि उनके हाथ में तलवार की जगह संविधान आ गया है. ये सब कवायद सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने की है. उनके निर्देश पर न्याय की देवी में बदलाव कर दिया गया है. ये स्टैच्यू सुप्रीम कोर्ट में जजों की लाइब्रेरी में लगाई गई है. CJI चंद्रचूड़ का मानना है कि कानून कभी अंधा नहीं होता. वो सबको समान रूप से देखता है. साथ ही देवी के एक हाथ में तलवार नहीं, बल्कि संविधान होना चाहिए.
इस प्रतिमा को जाने-माने शिल्पकार विनोद गोस्वामी ने बनाया है. विनोद ने लोकल 18 से बताया कि नवंबर 2022 में पहली बार सुप्रीम कोर्ट से मेरे पास प्रतिमा को बनाने का कॉल जिसके बाद चीफ जस्टिस के मार्गदर्शन और दिशा निर्देश के मुताबिक ही नई मूर्ति तैयार की गई है. गोस्वामी ने बताया कि न्याय की देवी का नई मूर्ति को तराशने में 3 महीने का समय लगा. सबसे पहले इसकी ड्राइंग बनाई गई, फिर छोटी मूर्ति. जब चीफ जस्टिस को यह पसंद आई, तो 6 फीट ऊंची बड़ी मूर्ति बनाई गई, जिसका वजन सवा सौ किलो है.
गाउन की जगह अब प्रतिमा में दिखेगी साड़ी
गोस्वामी ने बताया कि इस प्रोजेक्ट शुरू करने के वक्त हमने कई डमी प्रोजेक्ट बनाएं. जब सीजेआई ने हमारे डमी प्रोजेक्ट को अप्रूव तब हमने इस पर काम करना शुरू किया. बता दें अब गाउन की जगह प्रतिमा को साड़ी का लिबास पहनाया गया है. वहीं प्रतिमा का निर्माण फाइबर ग्लास द्वारा किया गया. गोस्वामी ने बताया कि इस प्रतिमा को बनाने के वक्त उनके परिवार के साथ सहयोगियों का अहम योगदान रहा. CPW सर के निर्देश का भी उनको काफी लाभ मिला.
पीएम मोदी कर चुके हैं आर्टवर्क का उद्घाटन
बता दें कि गोस्वामी दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर भी है. उन्होंने दिल्ली मेट्रों के बड़े प्रोजेक्ट पर काम किया है. निजामुद्दीन मेट्रो स्टेशन पर उनके आर्टवर्क का पीएम नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया था. उन्होंने इस क्षेत्र में करियर बनाने वालों छात्रों को मूलमंत्र देते हुए कहा कि आप ईमानदारी और पूरी मेहनत के साथ अगर आप काम करेंगे तो आपको सफलता जरुर मिलेगी.
पहले क्यो थी न्याय की देवी के आंखों में पट्टी
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि न्याय की देवी की वास्तव में यूनान की प्राचीन देवी हैं, जिन्हें न्याय का प्रतीक कहा जाता है. जिसका नाम जस्टिया है. इनके नाम से जस्टिस शब्द बना था. इनके आंखों पर जो पट्टी बंधी रहती है, आंखों में पट्टी का अर्थ था कि न्याय की देवी हमेशा निष्पक्ष होकर न्याय करेंगी. किसी को देखकर न्याय करना एक पक्ष में जा सकता है. इसलिए इन्होंने आंखों पर पट्टी बांधी थी.
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FIRST PUBLISHED :
October 20, 2024, 13:18 IST