Explainer: समुद्र में अकेली डॉल्फिन की बातचीत ने गहराया रहस्य

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लंबे चौड़े महासगर में किसी डॉल्फिन का अकेले पाया जाना भले ही अजीब ना लगे लेकिन यह असामान्य घटना जरूर होती है. समुद्री जानवर आमतौर पर अकेले कभी नहीं देखे जाते हैं पर एक नर बॉटलनोज़ डॉल्फिन बाल्टिक सागर में अपने घर से दूर देखा गया जिससे लोग तो हैरान हुए भी वैज्ञानिकों तक का इस पर ध्यान गया. वे खास तौर से ये जानना चाहते थे कि आखिर ऐसा क्या हो गया कि यह डॉल्फिन इतने असामान्य और चुनौतीपूर्ण वातावरण में आ गई. लेकिन जब इसकी उन्होंने पड़ताल की तो उन्होंने चौंकाने वाली बात यह पता लगी की इलाके में तो यह ड़ॉलफिन खुद से ही बातचीत करती आ रही थी.

कैसे हुए शोध की शुरुआत
जहां स्थानीय लोगों ने इस डॉल्फिन का नाम डेले रख दिया. वहीं यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न डेनमार्क के वैज्ञानिक भी इसकी पड़ताल करने पहुंच गए. उन्होंने दिसंबर 2022 से फरवरी 2023 के बीच के तीन महीनों के बीच इलाके में पानी के अंदर की साउंड रिकॉर्डिंग को जुटाया. यहीं एक चौंकाने वाली खोज उनका इंतजार कर रही थी.

चुपचाप तैरने की थी उम्मीद
उम्मीद की जाती है कि अकेला डॉल्फिन चुपचाप ही तैर रहा होगा. पर शोधकर्ताओं ने पाया कि डेले शांति से नहीं तैर रहा था, वह लगातार बातचीत कर रहा था. उन्होंने पाया कि पानी में लगातार कुछ ऐसे ध्वनि संकेत मिले जिससे पता चला कि वह लगातार ही सक्रिय था. अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने पानी के अंदर के माइक्रोफोन ने 10833 अलग-अलग आवाजें रिकॉर्ड की इनमें सीटीयों की आवाजें तक शामिल थीं.  ये आवाजें डॉल्फिन के अलग अलग बर्तावों से जुड़ी थीं.

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डॉल्फिन को एक गर्म पानी का वातावरण चाहिए होता है जिसमें लवणता में अधिक अंतर ना हो. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Canva)

किस तरह के निकाल रहा था आवाजें
हैरानी की बात ये थी डेले वही आवाज निकाल रहा था जो अपने डॉल्फिन आपस में बातचीत करते समय निकालते हैं. इससे वैज्ञानिक इसी नतीजे पर पहुंच सके कि वह खुद से बाद कर रहा था. वहीं कुछ आवाजों का संबंध नेवीगेशन और भोजन की जगह पहचान करने से था. पर वह ऐसा कर क्यों रहा था, इस सवाल के जवाब में शोधकर्ताओं का मानना है कि  डेले की निकली कई आवाजें बिलकुल वैसी ही थी जैसा कि इंसान अकेले में हंसते हुए निकालता है. उन्होंने पाया कि वह असल में खुद से ही बातचीत कर रहा था.

पैदा हुए कई सवाल
समुद्री जीवविज्ञानियों और पशु बर्ताव एवं पशु संचार का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों के लिए डेले का यह बर्ताव काफी अजीब सा था जिसने कई सवाल पैदा किए हैं जिनके जवाब तलाशने होंगे. इनमें एक बड़ा सवाल यही थी कि जब बाल्टिक सागर का तापमान और लवणता डेले के अनुकूल नहीं थी तो वह इतनी दूर उसमें तैर कर आ कैसे गया. यह फैक्ट उन्हें बदलते माहौल में डॉल्फिन पर निगरानी रखने के लिए प्रेरित करती है. साथ ही वे जानने का भी प्रयास करेंगे कि आखिर अकेले में डॉल्फिन कैसे खुद का अकेलापन दूर करते हैं.

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डॉल्फिन को एक गर्म पानी का वातावरण चाहिए होता है जिसमें लवणता में अधिक अंतर ना हो. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Canva)

बायोकॉस्टिक जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में बताया गया है कि डेले का यह मामला डॉल्फिन के सामाजिक और भावनात्मक बर्ताव के मामले में काफी जानकारी देने वाला हो सकता है.और इससे उनके संरक्षण में भी मदद मिल सकती है.

Tags: Bizarre news, Science facts, Science news, Shocking news, Weird news

FIRST PUBLISHED :

November 24, 2024, 19:46 IST

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