विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद भारत-चीन संबंधों में अगले कदमों पर चर्चा की. खबर है कि इसमें मानसवोर यात्रा को दोबारा शुरू करने और भारत और चीन के बीच डायरेक्ट फ्लाइट शुरू करने जैसे मुद्दों पर बातचीत हुई.
भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के अनुसार, दोनों मंत्रियों ने माना कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया ने सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनाए रखने में योगदान दिया है. वे दोनों विशेष प्रतिनिधियों और विदेश सचिव-उपमंत्री तंत्र की बैठक पर सहमत हुए, जो जल्द ही होगी.
इन मुद्दों पर हुई बात
बयान में बताया गया कि जयशंकर और वांग यी ने इस दौरान कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने पर चर्चा की. इसके साथ ही दोनों देशों से होकर गुजरने वाली नदियों पर डेटा साझा करने, भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें और दोनों देशों के बीच मीडिया आदान-प्रदान करने पर भी बातचीत हुई.
चीनी समकक्ष के साथ इस मुलाकात में विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत और चीन के बीच मतभेद और समानताएं दोनों हैं. हमने ब्रिक्स और एससीओ ढांचे में रचनात्मक रूप से काम किया है. जी20 में भी हमारा सहयोग स्पष्ट रहा है.
चीनी विदेश मंत्री से क्या बोले जयशंकर?
विदेश मंत्री ने कहा, ‘हम बहुध्रुवीय एशिया सहित बहुध्रुवीय दुनिया के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं. जहां तक भारत का सवाल है, इसकी विदेश नीति सैद्धांतिक और सुसंगत रही है, जो स्वतंत्र विचार और कार्रवाई से चिह्नित है. हम प्रभुत्व स्थापित करने के एकतरफा दृष्टिकोण के खिलाफ हैं. भारत अपने संबंधों को दूसरे देशों के चश्मे से नहीं देखता.’
वहीं चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने जयशंकर से सहमति जताई कि भारत-चीन संबंधों का विश्व राजनीति में विशेष महत्व है. उन्होंने कहा कि हमारे नेता आगे बढ़ने के रास्ते पर कज़ान में सहमत हुए थे. दोनों मंत्रियों ने महसूस किया कि यह जरूरी है कि ध्यान संबंधों को स्थिर करने, मतभेदों को प्रबंधित करने और अगले कदम उठाने पर होना चाहिए.
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FIRST PUBLISHED :
November 19, 2024, 18:39 IST