इतनी भारी है इसरो की सैटेलाइट
GSAT-N2 को अमेरिका के केप कैनावेरल से लॉन्च किया जाएगा. इसरो की तरफ से बनाई गई 4,700 किलोग्राम की सैटेलाइट भारतीय रॉकेटों के लिए बहुत भारी थी, इसलिए इसे विदेशी कमर्शियल लॉन्च दिया गया है. भारत का अपना रॉकेट 'द बाहुबली' या लॉन्च व्हीकल मार्क-3 ज्यादा से ज्यादा 4,000-4,100 किलोग्राम वजन उठाकर जियोस्टेशनरी ऑर्बिट में ले जा सकता है.
स्पेसएक्स से क्यों की इसरो ने डील?
भारत अब तक अपने भारी सैटेलाइट के लॉन्च के लिए एरियनस्पेस पर निर्भर था, लेकिन वर्तमान में इसके पास कोई ऑपरेशनल रॉकेट नहीं है. इस दौरान भारत के पास स्पेसएक्स के साथ जाना एकमात्र विश्वसनीय विकल्प था.चीनी रॉकेट भारत ले नहीं सकता और यूक्रेन में संघर्ष की वजह से रूस अपने रॉकेटों को कमर्शिल लॉन्च के लिए दे नहीं पाएगा. ऐसे में भारत के पास स्पेसएक्स का ही ऑप्शन था.
इसरो की बेंगलुरु की कमर्शियल ब्रांच, न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक राधाकृष्णन दुरईराज ने एनडीटीवी को बताया, "हमें स्पेसएक्स के साथ इस पहले लॉन्च पर अच्छी डील मिली." उन्होंने कहा कि स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट पर इतने भारी सैटेलाइट को लॉन्च करने के लिए यह हमारे लिए एक अच्छा सौदा था.