Loan: आज के समय में अलग-अलग जरूरतों को पूरा करने के लिए लोन लेना बहुत आम हो गया है। लोन देने वाले बैंक ग्राहकों को कर्ज चुकाने के लिए एक तय समय देते हैं और ब्याज वसूलते हैं। अगर कोई व्यक्ति समय पर लोन का भुगतान नहीं करता है तो ऐसी स्थिति में बैंक उसके खिलाफ कार्रवाई भी कर सकता है। लेकिन, इस तरह के हालातों के लिए ग्राहकों के भी कुछ अधिकार हैं, जिनका इस्तेमाल कर वो न सिर्फ अपने और अपने परिवार की गरिमा को बनाए रख सकता है बल्कि वित्तीय तनाव से भी बच सकता है।
बैंक के साथ बातचीत करने का अधिकार
अगर आप वाकई में लोन चुकाने में असमर्थ हैं तो आप बैंक से बातचीत कर सकते हैं और उन्हें अपनी पूरी समस्या बता सकते हैं। ध्यान रहे कि बैंक के साथ होने वाली पूरी बातचीत लिखित में हो जैसे- लेटर या ईमेल। आप बैंक से पेनल्टी के साथ भुगतान करने के लिए बैंक से और समय मांग सकते हैं। लेकिन इस तरह से आपको अधिकतम 90 दिनों का समय मिल सकता है। इसके बाद आप बैंक से अपने लोन को रीस्ट्रक्चर करने के लिए कह सकते हैं। ऐसे में बैंक आपकी ईएमआई को घटाकर अवधि में बढ़ोतरी कर देता है।
ईएमआई भरने की कोशिश करते रहें
लेकिन ध्यान रहे कि इस दौरान आपको मिस हुई ईएमआई भरने का पूरा प्रयास करते रहना होगा। लोन का भुगतान करने के लिए आप अपने सेविंग्स अकाउंट, एफडी, म्यूचुअल फंड्स से पैसे निकाल सकते हैं। इसके साथ ही आप अपने दोस्तों से भी मदद ले सकते हैं। बताते चलें कि अगर आप लगातार 180 दिनों तक ईएमआई नहीं भरते हैं तो बैंक के पास आपकी संपत्ति को जब्त करने का पूरा अधिकार होता है। लेकिन, ऐसे हालात बनने पर आप बैंक से बातचीत कर अपनी किसी संपत्ति को गिरवी रख सकते हैं।
सम्मान का पूरा अधिकार
ध्यान रहे कि बैंक भी ऐसी स्थितियों में ज्यादा नहीं फंसना चाहते क्योंकि बैंकों को अपना NPA मेनटेन रखना होता है और अगर आपका पिछले ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा है तो बैंक भी आपके साथ कॉर्डिनेट करता है। कोई भी बैंक लोन चुकाने में असमर्थ ग्राहक के साथ गलत व्यवहार नहीं कर सकते हैं। अगर बैंक का कोई अधिकारी या कर्मचारी वसूली के लिए आपके साथ गलत व्यवहार करता है तो आप इसकी शिकायत कर सकते हैं। इसके अलावा, अगर बैंक लोन की रिकवरी के लिए किसी एजेंट को अपॉइंट कर रहा है तो उसे ग्राहक के साथ एजेंट की सभी जानकारी शेयर करनी होगी।