जयपुर. पिछले कुछ दिनों से प्रदेश के अधिकतर शहरों में हो रही प्रदूषित हवा से आज हल्की राहत मिली है. एक्यूआई रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान का कोई शहर अब रेड जोन में नहीं है. हालांकि, कुछ शहर अभी भी प्रदूषित हवा से ग्रस्त है. प्रदेश में सबसे ज्यादा एक्यूआई कोटा के विज्ञान केन्द्र में 298 दर्ज किया गया है. वहीं जिले की बात करें तो टोंक 278 एक्यूआई के साथ टॉप पर रहा.
विभाग की एक्यूआई रिपोर्ट के अनुसार रविवार को टोंक में 278, श्रीगंगानगर में 277, कोटा में 259, चित्तौड़गढ़ में 245, झालावाड़ में 242, नागौर में 233, जोधपुर में 226, पाली में 211, जयपुर में 205 एक्यूआई लेवल दर्ज किया गया. इसके अलावा जयपुर शहर की बात करें तो मानसरोवर में 264, रीको सीतापुरा में 270, मुरलीपुरा में 163, आदर्श नगर 120, शास्त्री नगर में 220, पुलिस कमिश्नरेट में 192 एक्यूआई लेवल दर्ज किया गया.
सर्दी के साथ बढ़ रहा है प्रदूषण
आपको बता दें कि सर्दी की शुरुआत से ही प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा था. दीपावली के बाद से राजस्थान के शहरों के हालात भी अच्छे नहीं हैं. प्रदूषण की समस्या लगातार बढ़ रही है. प्रदेश में जयपुर, कोटा, जोधपुर, पाली और अलवर सहित कई शहरों में प्रदूषण का असर सेहत के लिए जोखिम भरा रहा. इसके अलावा कोटा शहर में तो आबादी के बीच ईंट-भट्टे चल रहे हैं इसकी वजह से अभी भी प्रदूषण लेवल सबसे ज्यादा यहीं पर है.
इस साल वायु प्रदूषण बढ़ा
जयपुर मौसम केंद्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि वाहनों का धुआं, तापमान में गिरावट, ठोस अपशिष्ट का पूरा निस्तारण नहीं होने, सड़क धूल, निर्माण कार्य की वजह से स्थिति काफी खराब हो रही है. उद्योगों में भी पर्यावरण नियमों की पालना नहीं हो रही है. बड़े शहर जयपुर, कोटा, जोधपुर, उदयपुर में भी दीपावली के बाद से प्रदूषण का स्तर बढ़ा हुआ है. वातावरण में नमी की मात्रा से धुआं छाया हुआ है. इसके अलावा शहर और गांवों में तेजी से बढ़ रही वाहनों की संख्या भी वायु प्रदूषण बढ़ने का बड़ा कारण हैं. राजस्थान में अब तक करीब 2.16 करोड़ वाहन पंजीकृत हैं.
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FIRST PUBLISHED :
November 25, 2024, 10:46 IST