Last Updated:February 07, 2025, 13:39 IST
RBI ने रेपो रेट में 0.25% की कटौती की, जिससे लोन सस्ता होगा. मॉर्गन स्टैनली और HSBC के अनुसार, M&M Financial, SBI Cards, और NBFCs को सबसे ज्यादा फायदा होगा.
हाइलाइट्स
- RBI ने रेपो रेट में 0.25% की कटौती की.
- M&M Financial और SBI Cards को सबसे ज्यादा फायदा होगा.
- NBFCs को रेपो रेट कटौती से सबसे अधिक लाभ मिलेगा.
नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लगभग पांच साल बाद रेपो रेट में कटौती का ऐलान किया है. शुक्रवार को हुई मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद RBI ने रेपो रेट में 0.25% की कटौती करते हुए इसे 6.25% कर दिया है. इस फैसले से आम आदमी के लिए बैंकों से लिया जाने वाला लोन सस्ता हो सकता है, जिससे होम लोन, कार लोन और अन्य ऋणों की EMI कम हो सकती है. RBI की रेपो रेट कटौती आम आदमी से लेकर कंपनियों और शेयर बाजार तक पर असर डालेगी. इससे जहां लोन सस्ता होगा, वहीं चुनिंदा सेक्टर्स और कंपनियों के शेयरों में उछाल देखने को मिल सकता है.
मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि RBI के इस फैसले से कई कंपनियों और उनके शेयरों को फायदा हो सकता है. ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टैनली (Morgan Stanley) और HSBC पहले ही अपनी रिपोर्ट में यह अनुमान लगा चुके थे कि इस बार RBI ब्याज दरों में कम से कम 0.25% की कटौती कर सकता है.
किन सेक्टर्स और शेयरों में दिखेगा उछाल?
मॉर्गन स्टैनली के अनुसार ब्याज दरों में कटौती से उच्च फिक्स्ड रेट वाले लेंडर्स को फायदा होगा. विशेष रूप से अनसिक्योर्ड लेंडर्स, व्हीकल फाइनेंस और गोल्ड फाइनेंस कंपनियां इसका लाभ उठा सकती हैं. हालांकि, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के लिए यह फैसला नकारात्मक हो सकता है. मॉर्गन स्टैनली का मानना है कि LIC हाउसिंग फाइनेंस पर इस कटौती का नकारात्मक असर पड़ेगा.
ब्रोकरेज फर्म के मुताबिक, इस फैसले से महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंश्यिल (M&M Financial) और एसबीआई कार्ड्स (SBI Cards) को सबसे ज्यादा फायदा हो सकता है. इसके अलावा पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस, श्रीराम फाइनेंस, बजाज फाइनेंस, होम फर्स्ट फाइनेंस और Aptus जैसे शेयरों पर ओवरवेट रेटिंग दी गई है.
HSBC की राय: NBFCs को सबसे ज्यादा फायदा
एक अन्य प्रमुख ब्रोकरेज फर्म एचएसबीसी का कहना है कि यह फैसला लिक्विडिटी, रेगुलेशन और पॉलिसी दिशा के लिहाज से अहम होगा. नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों को इसका सबसे अधिक लाभ मिलेगा. HSBC के मुताबिक, बड़े और डायवर्सिफाइड NBFCs इस फैसले से सबसे ज्यादा फायदा उठा सकते हैं. हालांकि, सरकारी बैंकों को ज्यादा लाभ होने की संभावना नहीं है.
HSBC ने अपने टॉप पिक्स में चोला इनवेस्टमेंट (Chola Investment), श्रीराम फाइनेंस (Shriram Finance) और महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M Financial Services) को शामिल किया है. वहीं, छोटे फाइनेंस बैंकों में इंडसइंड बैंक (IndusInd Bank), इक्विटॉस स्मॉल फाइनेंस बैंक (Equitas Small Finance Bank) और उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक (Ujjivan Small Finance Bank) को इस फैसले से अधिक लाभ होता दिख सकता है.
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New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
February 07, 2025, 13:39 IST