रिटायर्ड आईएएस अधिकारी रोहित कुमार सिंह (Retired IAS serviceman Rohit Kumar Singh) ने हाल सोशल मीडिया पर 1,300 रुपये प्रति माह वेतन वाली टीसीएस (YCS) की नौकरी के लिए अपने पहले ऑफर लेटर की तस्वीर शेयर की और सभी को चौंका दिया. 1989 बैच के राजस्थान कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी ने कहा कि 40 साल पहले जब वे वर्क फोर्स में शामिल हुए थे, तब 1,300 रुपये एक “राजसी वेतन” था.
26 जून, 1984 की तारीख वाले उनके ऑफर लेटर से पता चलता है कि सिंह को टीसीएस मुंबई में ट्रेनी के रूप में नियुक्त किया गया था. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने पोस्ट में, भारत सरकार के पूर्व सचिव ने खुलासा किया कि टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज उनकी पहली नौकरी थी और उन्हें यह आईआईटी-बीएचयू में कैंपस प्लेसमेंट के माध्यम से मिली थी.
उन्होंने लिखा, "लगभग 40 साल पहले, मुझे IIT BHU में कैंपस भर्ती के माध्यम से TCS मुंबई में अपनी पहली नौकरी मिली थी. 1300 रुपये के शानदार वेतन के साथ, नरीमन पॉइंट पर एयर इंडिया बिल्डिंग की 11वीं मंजिल से समुद्र का नज़ारा वाकई शानदार था!"
उनकी पोस्ट पर एक नज़र डालें:
A small much than 40 years ago, I got my archetypal occupation astatine TCS Mumbai done field recruitment astatine IIT BHU.
With a princely wage of 1300 Rupees, the water presumption from the 11th Floor of Air India Building astatine Nariman Point was regal indeed! pic.twitter.com/A9akrhgu7F
रोहित कुमार सिंह वर्तमान में राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) के सदस्य के रूप में कार्यरत हैं. NCDRC की वेबसाइट के अनुसार, उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त की.
TCS में शामिल होने के बाद, सिंह ने क्लार्कसन यूनिवर्सिटी, न्यूयॉर्क से कंप्यूटर इंजीनियरिंग में मास्टर्स करने के लिए भारत छोड़ दिया. उन्होंने अपनी मास्टर डिग्री प्राप्त करने के बाद UPSC सिविल सेवा परीक्षा दी और IAS अधिकारी बने. उन्होंने तीन दशकों से अधिक के शानदार करियर के दौरान कई पदों पर कार्य किया है.
उनकी पोस्ट के कमेंट सेक्शन में एक यूजर ने सिंह से पूछा: “IAS में प्रोबेशनर के तौर पर आपकी शुरुआती सैलरी कितनी थी?” रिटायर्ड ऑफिसर ने बताया कि 1989 में जब वे भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल हुए थे, तब उन्हें 2,200 रुपये प्रति महीने की सैलरी मिलती थी.