स्मार्टफोन और इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ने के बाद से भारत में डिजिटल पेमेंट का क्रेज तेजी से बढ़ा है। हर साल UPI के जरिए ऑनलाइन पेमेंट्स करने वाले यूजर्स की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। डिजिटल पेमेंट ने हमें जितनी सुविधा दी उससे कई तरह के नुकसान भी हुए हैं। डिजिटल पेमेंट आने के बाद से ऑनलाइन स्कैम और फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़े हैं। अगर आप UPI का इस्तेमाल करते हैं तो आपके लिए काम की खबर है।
एक साल में 485 करोड़ की ठगी
आपको जानकर हैरानी होगी कि कि साल 2024-25 में भारतीयों ने UPI पेमेंट्स में ऑनलाइन फ्रॉड के चलते करीब 485 करोड़ रुपये गंवाए हैं। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों की मानें तो यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस यानी UPI के जरिए 2024-25 में फ्रॉड और धोखा धड़ी के करीब 6 लाख 32 हजार घटनाएं दर्ज की गईं। मंत्रालय की तरफ से ये आंकड़े सितंबर महीने तक के लिए जारी हुए हैं।
आपको बता दें कि साल 2022-23 में करीब 27 लाख लोगों के साथ ऑनलाइन पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी हुई है। इसमें करीब लोगों ने 2145 करोड़ रुपये गवाएं हैं। वहीं 2023-24 में 13 लाख से ज्यादा फ्रॉड के मामले सामने आए थे। इसमें कुल 1087 करोड़ रुपये की ठगी की गई थी।
सरकार ने कही ये बात
DC की रिपोर्ट की मानें तो UPI से जुड़ी इन फ्रॉड की घटनाओं के बढ़ने के पीछे का एक बड़ा कारण यूजर्स की संख्यामें तेजी से इजाफा होना है। वित्त मंत्रालय की तरफ से मंगलवार को इस मामले में कहा गया था कि ऑनलाइन फ्रॉड को रोकन के लिए लगातार कारगर प्रयास किए जा रहे हैं। मंत्रालय ने क हा कि धोखाधड़ी पर लगाम कसने के लिए फिनटेक इनोवेशन को बढ़ावा देने के साथ विनियामक अनुपालन सुनिश्चित करने के बीच हमें एक बैलेंस बनाना होगा। मतलब टेक्नलोजी की दुनिया में जितनी तेजी के साथ नए नए इनोवेशन हो रहे हैं उनके इस्तेमाल करने के लिए हमें रेगुलेटरी नियमों का पालन भी करना होगा।
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