Agency:News18 Haryana
Last Updated:February 02, 2025, 23:12 IST
अंबाला में हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद ने बसंत पंचमी का उत्सव धूमधाम से मनाया. मुख्य अतिथि सुमन सैनी ने बाल भवन में बच्चों संग समय बिताया. इस दौरान सिलाई- कढ़ाई केंद्र का निरीक्षण किया और स्लम बस्ती के बच्चो...और पढ़ें
सीएम नायब सैनी की धर्मपत्नी सुमन सैनी ने अंबाला छावनी में कुछ इस तरह मनाया बसंत
हाइलाइट्स
- अंबाला छावनी में बसंत पंचमी समारोह का आयोजन किया गया.
- मुख्य अतिथि सुमन सैनी ने बाल भवन का दौरा कर बच्चों को वस्त्र वितरित किए.
- उन्होंने कहा कि बसंत पंचमी को ज्ञान, कला और ऋतु परिवर्तन का प्रतीक है.
अंबाला: हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद द्वारा अंबाला छावनी के लघु बाल भवन में बसंत पंचमी के अवसर पर भव्य समारोह का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की उपाध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की धर्मपत्नी सुमन सैनी रहीं. उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की और उपस्थित सभी लोगों को बसंत पंचमी की शुभकामनाएं दीं.
इस अवसर पर सुमन सैनी ने बाल भवन में चल रही विभिन्न गतिविधियों का निरीक्षण किया. उन्होंने कंप्यूटर सेंटर, सिलाई- कढ़ाई केंद्र और ओपन शेल्टर होम का दौरा किया. इस दौरान वहां मौजूद बच्चों और प्रशिक्षकों से बातचीत की. सिलाई- कढ़ाई केंद्र में बच्चों द्वारा बनाई गई हस्तकला और कारीगरी को देखकर उन्होंने उनकी खूब सराहना की. कार्यक्रम के दौरान एक बच्ची ने सुमन सैनी को मेहंदी लगाई, जिसे देखकर सभी लोग उत्साहित हो गए.
स्लम बस्तियों में रहने वाले बच्चों को किया सम्मानित
समारोह के दौरान स्लम बस्तियों में रहने वाले बच्चों को विशेष रूप से सम्मानित किया गया. मुख्य अतिथि सुमन सैनी ने इन बच्चों को वस्त्र भेंट किए और उनके साथ समय बिताया. उन्होंने कहा कि यह पर्व विद्या, ज्ञान और कला की देवी सरस्वती को समर्पित है. साथ ही बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना हमारी जिम्मेदारी है.
ऋतु परिवर्तन का प्रतीक है बसंत पंचमी
सुमन सैनी ने अपने संबोधन में बताया कि बसंत पंचमी का पर्व न केवल ज्ञान और शिक्षा का प्रतीक है, बल्कि यह बसंत ऋतु की शुरुआत को भी दर्शाता है. उन्होंने कहा कि इस दिन देवी सरस्वती की पूजा की जाती है, जिससे जीवन में ज्ञान और सकारात्मकता का संचार होता है. इस अवसर पर लोग पीले वस्त्र पहनते हैं और पीले रंग के भोजन, जैसे खिचड़ी और हलवा बनाकर आनंद लेते हैं.
प्रकृति प्रेमियों के लिए उल्लास लेकर आता है बसंत पंचमी
उन्होंने बताया कि पुराने समय से यह पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जाता रहा है. खेतों में सरसों के पीले फूल खिलने लगते हैं. आम के पेड़ों में बौर आ जाता है और प्रकृति अपने सबसे सुंदर रूप में नजर आती है. यह मौसम न सिर्फ किसानों के लिए बल्कि प्रकृति प्रेमियों के लिए भी उल्लास लेकर आता है.
कार्यक्रम के अंत में सुमन सैनी ने सभी बच्चों और उपस्थित लोगों को बसंत पंचमी की बधाई दी. उन्होंने कहा कि हर दिन एक नई उमंग और ऊर्जा लेकर आता है. हमें हर दिन को सकारात्मक सोच के साथ व्यतीत करना चाहिए. इस अवसर पर बच्चों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दीं, जिससे माहौल और भी खुशनुमा हो गया. इस दौरान वहां मौजूद गणमान्य व्यक्तियों और शिक्षकों ने भी इस पर्व को बच्चों के साथ मिलकर मनाया.
First Published :
February 02, 2025, 23:12 IST