Agency:News18 Bihar
Last Updated:February 10, 2025, 19:56 IST
जमुई में जमीन की डिजिटल प्रक्रिया अनिवार्य हो गई है। 15 मार्च तक विशेष शिविर में रैयत अपनी जमीन का डिजिटाइजेशन और सुधार करवा सकते हैं। सभी कागजात लेकर शिविर में जाना होगा।
15 मार्च से पहले यह काम कर लें रैयत
हाइलाइट्स
- 15 मार्च तक जमीन का डिजिटाइजेशन अनिवार्य.
- विशेष शिविर में कागजात लेकर जाएं.
- गलतियों को सुधारने का मिलेगा मौका.
जमुई. दाखिल खारिज से लेकर रसीद कटवाने तक की सारी प्रक्रिया अब डिजिटल हो गई है. ऑफलाइन जमाबंदी और ऑफलाइन रसीद को बंद कर दिया गया है. ऐसे में सभी रैयतों को डिजिटल जमाबंदी कायम करना या पुराने जमाबंदी का डिजिटाइजेशन करना अत्यंत अनिवार्य हो गया है. परंतु लगातार इधर से उधर भटकने के बाद भी रैयतों की यह समस्या हल नहीं हो रही है. इसे लेकर विभाग के द्वारा एक बड़ा निर्णय लिया गया है तथा रैयत के लिए एक बेहतर अवसर सामने आया है.
रैयतों को 15 मार्च तक का मौका दिया गया है. इस दौरान डिजिटाइजेशन को लेकर विशेष शिविर का आयोजन किया जाएगा और इसी शिविर में जाकर बिना किसी झंझट के रैयत अपने जमीन का डिजिटाइजेशन कर सकेंगे या उसमें किसी प्रकार का सुधार करवा सकेंगे.
गलतियों को भी सुधारने का मिलेगा मौका
सभी अंचल में 15 मार्च तक यह विशेष शिविर लगाया जाएगा. जिसमें मौजा बार इसका निराकरण किया जाएगा. अगर मूल जमाबंदी में दर्ज भूमि से संबंधित जानकारी ऑनलाइन जमाबंदी में गलत दर्ज हो गई है तब इसको सुधार करने का भी मौका मिलेगा. तो अगर आप भी अब तक अपने जमाबंदी को डिजिटल नहीं करवा सके थे या आपके डिजिटल जमाबंदी में कोई गड़बड़ी हुई थी तब आप इन शिविरों में जाकर सुधार करवा सकते हैं.
गौरतलब है कि जमीन डिजिटल करने की प्रक्रिया काफी लंबी है और लगातार रैयतों को राजस्व कर्मचारी से लेकर अंचल कार्यालय तक दौड़ना पड़ता है. डिजिटाइजेशन को लेकर परिमार्जन प्लस पर ऑनलाइन करने के बाद सभी रैयत को जमीन से संबंधित कागजात लेकर राजस्व कर्मचारी का चक्कर लगाना पड़ता है, पर अब उन्हें इन झंझट से निजात मिल जाएगा.
यह कागजात लेकर शिविर में जाएं लोग
दरअसल, 15 मार्च तक लगाए जाने वाले इन सभी शिविर में राजस्व कर्मचारी सभी मौजा के मूल जमाबंदी के स्कैन की गई ऑनलाइन प्रति का मिलान करेंगे. इसके लिए जमाबंदी से संबंधित सभी कागजात लेकर रैयतों को वहां जाना होगा. जिसमें जमीन की मालगुजारी रसीद, जमीन के मालिकाना हक जैसे केवाला, खतियान या दान पत्र के कागजात लेकर शिविर में पहुंचना होगा.
अगर आप खतियानी जमीन को ऑनलाइन करना चाह रहे हैं तब खतियानी रैयत से आपके संबंध दर्शाने के लिए आपको अपनी वंशावली लगानी पड़ेगी. इसके साथ ही परिमार्जन प्लस पर ऑनलाइन करने के बाद सभी दस्तावेजों को स्कैन कर भी ऑनलाइन करना पड़ेगा. अगर आपकी जमाबंदी भी आज तक डिजिटल नहीं हो सकी है या किसी कारणवश यह छूट गई है, तो जल्दी करें. आपके लिए यह सुनहरा मौका सामने आया है.
First Published :
February 10, 2025, 19:56 IST