इस बार अगहन अमावस्या या मार्गशीर्ष अमावस्या का पावन पर्व 1 दिसंबर रविवार को है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या के दिन पितर मृत्यु लोक यानी धरती पर आते हैं. इस वजह से लोग अपने पितरों के लिए तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध आदि करते हैं. इससे पितृ दोष शांत होता है और पितरों का अशीर्वाद प्राप्त होता है. वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल मार्गशीर्ष अमावस्या तिथि 30 नवंबर को सुबह 10:29 बजे से शुरू होगी और यह 1 दिसंबर को सुबह 11:50 बजे तक मान्य रहेगी. अगहन अमावस्या के दिन सूर्योदय सुबह 6 बजकर 57 मिनट पर होगा. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं कि अगहन अमावस्या या मार्गशीर्ष अमावस्या का कौन से ऐसे काम करें, जिससे पितर खुश होकर आशीर्वाद दें और परिवार के सुख-समृद्धि में बढ़ोत्तरी हो.
अगहन अमावस्या पर पितरों को खुश करने के उपाय
1. अन्न दान
अगहन अमावस्या के दिन पितरों की कृपा पाने के लिए आपको अन्न का दान करना चाहिए. इसमें अन्न दो प्रकार से दान कर सकते हैं. एक तो स्नान के बाद जब तर्पण कर लें, उसके बाद कच्चा चावल, दाल, गेंहू आदि का दान कर सकते हैं. दूसरा अन्न दान है भोजन बनाकर दान करना.
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इसके लिए आप अमावस्या के दिन घर पर सात्विक भोजन बनाएं, इसमें आप चावल, दाल, सब्जी आदि बनाकर उसमें से कुछ हिस्सा निकाल लें. उसे ठंडा करके किसी गाय, कौआ, कुत्ता आदि को खिला दें. इसे पंचबलि कर्म के नाम से जानते हैं. गुरुड़ पुराण के अनुसार, इन जीवों के माध्यम से यह अन्न पितरों को प्राप्त होता है.
2. दीप दान
अगहन अमावस्या के अवसर पर आप अपने पितरों के लिए दीप दान करें. यह दीप दान शाम को जब अंधेरा होने लगे उससे ठीक पहले कर लें. अमावस्या को सूर्यास्त शाम 05:24 बजे होगा. उसके बाद मिट्टी का एक दीया लेकर उसमें सरसों का तेल डाल दें और बाती लगाएं. फिर उसे जलाकर घर के बाहर दक्षिण दिशा में रख दें. ध्यान रखें कि यह दीपक बुझे नहीं.
मान्यताओं के अनुसार, सूर्यास्त के बाद पितर जब अपने लोक लौटते हैं और उनके वंश द्वारा जलाए गए दीप से मार्ग रोशन होता है तो वे खुश होते हैं. वे परिवार के सुख, समृदि और उन्नति के लिए आशीर्वाद देते हैं.
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3. गो और तुलसी पूजा
यदि आपके पितर नाराज हैं तो आप मार्गशीर्ष अमावस्या पर गाय की सेवा करें और तुलसी की पूजा करें. गाय की पूजा करने से आपको पुण्य प्राप्त होगा और माता तुलसी की कृपा से संकट मिटेंगे. परिवार में धन, सुख, समृद्धि आएगी. अमावस्या पर पितरों के निमित्त गौ दान भी करते हैं.
4. गरुड़ पुराण का पाठ
यदि आप पितृ दोष से परेशान हैं या आपके पितरों की आत्मा को शांति नहीं मिली है तो आप अमावस्या के दिन गरुड़ पुराण का पाठ कर सकते हैं. गरुड़ पुराण का पाठ करने से पितरों के आत्मा का शांति मिलती है और वे भगवान विष्णु की कृपा से मोक्ष प्राप्त करते हैं.
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FIRST PUBLISHED :
November 26, 2024, 10:44 IST