अगहन माह के हर गुरुवार करें मां लक्ष्मी की पूजा, जानें विधि

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अगहन गुरुवार पूजा

Aghan Mahina 2024: हिंदू कैलेंडर का 9वां महीना यानी मार्गशीर्ष माह का प्रारंभ आज 16 नवंबर दिन शनिवार से हो चुका है. मार्गशीर्ष को अगहन का महीना भी कहा जाता है. मार्गशीर्ष अंग्रेजी कैलेंडर के नवंबर और दिसंबर में आता है. वैसे तो इस माह भगवान श्रीकृष्ण की पूजा का विधान है. लेकिन, अगहन के सभी गुरुवार को लक्ष्मी पूजन किया जाता है. ऐसे करने वाले जातकों को कभी धन संकट नहीं होता है. साथ ही सुख-समृद्धि बनी रहती है.

छत्तीसगढ़ में हिंदी महीनों के अनुसार अगहन महीने में गुरुवार का काफी महत्व माना जाता है, जिसे अगहन गुरुवार कहते हैं. अगहन मास में हर गुरुवार के दिन महालक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है. इसके एक दिन पहले बुधवार के दिन चावल आटे से घरों में चौक पूरा जाता है और गुरुवार को सुबह सूर्योदय के पूर्व मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है.

इस संबंध में जांजगीर पुरानी सिंचाई कॉलोनी में स्थित दुर्गा मंदिर के पुजारी पण्डित बसंत शर्मा महाराज ने बताया की इस वर्ष 2024 में चार गुरुवार पड़ रहे है. जिसमें 28 नवंबर, 05 दिसंबर, 12 दिसंबर है. प्रत्येक अगहन गुरुवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है. इसके लिए सबसे पहले बुधवार शाम को घर के मुख्य द्वार के सामने गोबर से लिपकर रंगोली सजाया जाता है और चावल आटे का रेहन बना कर घर के मुख्य द्वार से लेकर पूजा स्थल तक मां लक्ष्मी के पदचिन्ह, आकर्षक रंगोली और कड़ी बनाएं जाते है. पूजा स्थल पर कलश स्थापना करके केला पत्ती आंवला और आम पत्ता का तोरण सजाकर मां लक्ष्मी की प्रतिमा विराजित करते है. इस पूजा में विशेष कर आंवले के लकड़ी से बने लक्ष्मी जी, ढाबा, हाथी और पीढ़ा का का बड़ा महत्व है इसी की पूजा होती है.

परिवार में सुख, समृद्धि का वास होता है
महाराज ने और बताया की अगहन गुरुवार को सुबह 3 से 4 बजे उठकर स्नान करके लक्ष्मी जी का पूजा की जाती है. मान्यता ऐसी है कि सुबह जिसके घर खुला और पूजा होती है वहा मां लक्ष्मी जी आती हैं इसलिए इस दिन जितना सुबह हो उतना ही जल्दी पूजा की जाती है. जहां चावला आटे से लक्ष्मी माता का पदचिन्ह बनाया गया है. वहां पर कुमकुम चंदन का टीका लगाया जाता है और धूप दिखाया जाता है. इस दिन चार पहर तक लक्ष्मी मां की पूजा होती है. अगहन माह में महालक्ष्मी पूजन करने से परिवार में सुख, समृद्धि का वास होता है.

Tags: Dharma Aastha, Local18

FIRST PUBLISHED :

November 28, 2024, 20:02 IST

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