Last Updated:January 19, 2025, 12:45 IST
विभाग को आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषाहार में फर्जीवाड़े और कालाबाजारी की शिकायतें कई जगहों पर मिल रही थी. इसे रोकने और बच्चों को पोषाहार वितरण के लिए ओटीपी सिस्टम लागू किया जाएगा. इसके लिए लाभार्थियों के फोटो पोर्टल पर अपलोड किए जा रहे हैं. इस...और पढ़ें
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से प्रदेश में आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पोषाहार की कालाबाजारी को रोकने के लिए फेस रिकॉग्निजेशन सिस्टम यानी चेहरे की पहचान प्रणाली और मोबाइल पर आने वाले ओटीपी को लागू कर दिया है. पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन और ओटीपी से ही गर्भवती महिलाएं, धात्रियों और बच्चों को पोषाहार वितरण किया जाएगा. इस आदेश की पालना में महिला बाल विकास विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी है.
विभाग को आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषाहार में फर्जीवाड़े और कालाबाजारी की शिकायतें कई जगहों पर मिल रही थी. इसे रोकने और बच्चों को पोषाहार वितरण के लिए ओटीपी सिस्टम लागू किया जाएगा. इसके लिए लाभार्थियों के फोटो पोर्टल पर अपलोड किए जा रहे हैं. इस प्रक्रिया में सही लाभार्थी को ही पोषाहार मिलेगा. इस सिस्टम के तहत पोषाहार वितरण के समय दर्ज लाभार्थी के मोबाइल नम्बर पर ओटीपी भेजा जाएगा. जिसे आंगनबाड़ी केंद्र की कार्यकर्ता पोषाहार वितरण करते समय उस ओटीपी को अपने पोषण ट्रैकर पर दर्ज करेगा. इस सिस्टम से पोषाहार वितरण की पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी. इस योजना में आंगनबाड़ी केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं, धात्रियों और बच्चों को पोषाहार दिया जाता है.
5 से 3 वर्ष के बच्चों पर लागू
सिरोही जिले में वर्तमान में 872 आंगनबाड़ी केन्द्र हैं. विभाग की इस योजना में अभी के लिए टेक होम में राशन प्राप्त करने वाली धात्रियों, गर्भवतियों व 6 माह से 3 वर्ष के बच्चों पर लागू किया गया है. पोषाहार पैकेट में गर्भवती महिलाओं के लिए दलिया और खिचड़ी है. 7 महीने से लेकर 3 वर्ष तक के बच्चों के लिए दलिया, खिचड़ी और बालाहार तथा धात्रियों के लिए मीठा दलिया, खिचड़ी और सादा दलिया वितरित किया जाता है.
पोषाहार पैकेट में शामिल हैं ये सामग्री
आंगनबाड़ी केंद्र पर पोषाहार योजना में गर्भवती व धात्री महिलाओं को 700 ग्राम फोर्टिफाइड सादा गेहूं व दलिया और 1400 ग्राम फोर्टिफाइड मूंग, दाल, चावल, खिचड़ी, फोर्टिफाइड न्यूट्री मीठा दलिया का वितरण प्रति माह 9 माह तक व धात्रियों को 6 माह तक पैकेट का वितरण होगा. वहीं 6 माह से 3 वर्ष के सामान्य बच्चों को 480 ग्राम फोर्टिफाइड न्यूट्री मीठा दलिया व मूंग दाल चावल खिचड़ी, 540 ग्राम सादा गेंहू, दलिया व 1375 ग्राम बालाहार प्रीमिक्स, 6 माह से 3 वर्ष के अति कुपोषित बच्चों को 500 ग्राम मीठा, दलिया व मूंग दाल, चावल, खिचड़ी व 1500 ग्राम सादा गेंहू, दलिया व 1125 ग्राम के दो पाउच बालाहार प्रीमिक्स वितरित किया जाता है.
नो नेटवर्क एरिया में लागू करने में परेशानी
जिले के आदिवासी बहुल गांवों में जहां आज भी मोबाइल नेटवर्क नहीं है. उन जगहों पर इस सिस्टम को लागू करना सम्भव नहीं होगा. लाभार्थियों के फोन में बिना नेटवर्क ओटीपी आना सम्भव नहीं है. विभाग द्वारा इन जगहों पर ऑफलाइन वितरण किया जाएगा.
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को मिलेगा प्रशिक्षण
इस योजना को लागू करने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों पर काम कर रही कार्यकर्ताओं को पूरे सिस्टम का प्रशिक्षण दिया जाएगा. फेस रिकॉग्निजेशन और ओटीपी से पोषाहार वितरण का कार्य पोषण ट्रैकर पोर्टल से होगा. फेस रिकॉग्निजेशन सिस्टम नए साल से शुरू होना था, लेकिन के साथ प्रारंभ होने वाली थी, लेकिन सिस्टम में ओटीपी और फेस आईडी सिस्टम सही से काम नहीं करने के कारण शुरू नहीं हो पाई.
Location :
Sirohi,Rajasthan
First Published :
January 19, 2025, 12:45 IST