अब बंदर और ततैया के काटने पर मिलेगा मुआवजा, ऐसे होगा भुगतान

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बागेश्वर: पहाड़ों में इन दिनों बंदर और ततैया का आतंक काफी बढ़ गया है. पहाड़ के कई क्षेत्रों में लगातार पलायन होने से उन क्षेत्रों में बंदरों और ततैया की तादाद बढ़ गई है. जिससे यह लोगों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. इनकी ओर से पहुंचाए गए नुकसानों का आंकलन करते हुए वन विभाग ने ततैया और बंदर के काटने पर छह लाख तक का मुआवजा देने का प्रावधान रखा है. वन विभाग के रेंजर श्याम सिंह करायत ने लोकल 18 को बताया कि इनके काटने से मौत होने पर मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर मुआवजा दिया जाएगा.

ततैया और बंदर के काटने पर 6 लाख का मुआवजा
उत्तराखंड में वन विभाग अब ततैया के डंक से और बंदर के काटने से मरने वालों को आपदा के तहत मुआवजा देगा. इसके लिए मृतक के परिजनों को छह लाख रुपये की मुआवजा राशि दी जाएगी. इससे पहले इस तरह की घटनाओं में पीड़ित को कुछ भी राहत नहीं दी जाती थी, जबकि हर साल सांप के डसने और ततैयों के काटने से सबसे ज्यादा मौते पहाड़ों में होती है. इसे देखते हुए सरकार ने दो महीने पहले ही नियम में बदलाव किया है. इस बदलाव से ग्रामीण अभी भी अनभिज्ञ हैं. मालूम हो कि जिले में पहले गुलदार, जंगली सुअर, सांप के काटने पर मौत होने पर मुआवजा राशि देने का प्रावधान है.

पिछले कुछ सालों में बढ़ी है बंदर और ततैया की तादाद
बंदर और ततैयों के काटने पर किसी भी प्रकार का मुआवजा नहीं दिया जाता था, जबकि पहाड़ों में सबसे अधिक बंदर ही लोगों को काटते हैं. गत दिनों अल्मोड़ा में बंदर के काटने से महिला की मौत भी हो गई थी. इसके अलावा पहाड़ों में पिछले कुछ सालों से ततैयों के हमले भी बढ़ गए हैं. पलायन के चलते इनकी भी संख्या बढ़ गई है. पहले महिलाएं खेतों में ततैयों के घरोंधों को पुआल से शाम के समय आग लगाकर नष्ट कर देती थीं. अब गांव में उस तरह की हिम्मती महिलाएं भी कम रह गई हैं. पलायन के चलते गांव खाली हो गए हैं. जिन खेतों में धान और मडुवे की फसल लहलहाती थी वह बंजर हो गए हैं. इससे ततैयों की संख्या भी बढ़ गई है. इसी साल ततैयों ने अब तक पांच लोगों पर हमला कर दिया है. इसमें से दो लोगों की मौत भी हो चुकी है. बंदर और ततैयों की तादाद बढ़ने से सरकार ने भी इसे आपदा मान लिया है.

मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर मिलेगा मुआवजा
हाल‌ ही में बंदरों और ततैयों के काटने पर मुआवजा देने का प्रावधान सरकार ने जारी किया है. वन विभाग लोगों को इस नए नियम के बारे में जागरूक कर रहा है, लेकिन अधिकतर लोगों को अभी भी मुआवजा लेने का प्रावधान पता नहीं है. नियम पता नहीं होने के कारण लोग इनके काटने पर मुआवजा राशि नहीं ले पा रहे हैं. इधर वन विभाग के रेंजर श्याम सिंह करायत ने बताया कि बंदर और तैतया के काटने पर मौत होने से मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर 15000 से  छह लाख रुपये मुआवजा देने का प्रावधान है.

Tags: Hindi news, Local18

FIRST PUBLISHED :

October 21, 2024, 15:13 IST

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